जानिए मां मंगला गौरी की पूजा विधि
हिंदू धर्म में सावन माह (Sawan Month) को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. सावन का महीना भगवान शिवजी की पूजा के लिए समर्पित है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में सावन माह (Sawan Month) को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. सावन का महीना भगवान शिवजी की पूजा के लिए समर्पित है. जिस तरह सावन सोमवार अत्यंत शुभ होता है, उसी तरह से सावन माह में पड़ने वाले मंगलवार का दिन भी बेहद खास होता है. सावन के प्रत्येक मंगलवार के दिन मां मंगला गौरी की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. मां मंगला गौरी का व्रत व पूजन करने से मां पार्वती से अखंड सौभाग्य के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. दिल्ली के आचार्य गुमतीत सिंह जी बता रहे हैं सावन माह में किस दिन रखा जाएगा मां मंगला गौरी का व्रत (Mangla Gauri Vrat) और कैसे करें मां मंगला की पूजा-अर्चना?
कब है मंगला गौरी व्रत
सावन के सभी मंगवार के दिन सुहागिन महिलाएं पति के स्वस्थ जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं. इससे उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. वहीं कुंवारी कन्याएं यदि इस व्रत को रखती हैं, तो उन्हें योग्य वर की प्राप्ति होती है. इस साल सावन माह की शुरुआत 14 जुलाई 2022 को हो चुकी है, जोकि 12 अगस्त तक रहेगा. ऐसे में पूरे सावन माह में कुल चार मंगलवार पड़ेंगे, जिसमें मां मंगला गौरी का व्रत रखा जाएगा.
पहला मंगला गौरी व्रत – 19 जुलाई, 2022
दूसरा मंगला गौरी व्रत – 26 जुलाई, 2022
तीसरा मंगला गौरी व्रत – 2 अगस्त, 2022
चौथा व आखिरी मंगला गौरी व्रत – 9 अगस्त, 2022
मां मंगला गौरी की पूजा विधि
इस दिन सुबद जल्दी उठकर स्नान करें. स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें. मां मंगला गौरी पूजा के लिए सबसे पहले एक पूजा की चौकी तैयार करें और इस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. चौकी में मां की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. विधि-विधान से पूजा करें और पूजा में मां को सुहाग की चीजें अर्पित करें.
मां मंगला को 16 अंक अतिप्रिय है, इसलिए 16 श्रृंगार की चीजें पूजा में चढ़ाएं. पूजा में मंगला गौरी व्रत की कथा जरूर सुनें या पढें और आखिर में आरती करें. मंगला गौरी व्रत में पूरे दिन में केवल एक बार भोजन करना चाहिए और नमक का त्याग करें.