चैत्र नवरात्रि का जान लीजिए नियम

चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है.

Update: 2023-03-21 12:48 GMT
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है. मां दुर्गा के 9 स्परूपों की नौ दिनों तक पूजा की जाती है और व्रत भी रखने वालों पर मां दुर्गा की विशेष कृपा होती है. नवरात्रि हिंदू धर्म में बहुत मायने रखती है वैसे तो नवरात्रि पड़ती हैं लेकिन दो गुप्त और जो उजागर हैं. चैत्र नवरात्रि के अलावा शारदीय नवरात्रि को धूमधाम से मनाया जाता है. बहुत से लोग नवरात्रि में पहले और आखिरी दिन व्रत रखते हैं लेकिन बहुत से लोग 9 दिनों तक नवरात्रि का व्रत रखकर मां दुर्गा को प्रसन्न करते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि नवरात्रि में व्रत रखने के क्या क्या नियम होते हैं.
9 दिन का व्रत तो पहले जान लें ये 7 नियम (Chaitra Navratri 2023 Vrat Niyam)
1. नौ दिनों का व्रत रखने वालों को पलंग पर नहीं सोना चाहिए. उन्हें अपना आसन वहीं लगाना चाहिए जहां मां दुर्गा की प्रतिमा है और कलश स्थापना की है.
2. सोने के लिए गद्दा नहीं बल्कि एक दरी पर चादर बिछाकर सोना चाहिए. व्रती का बिस्तर बिल्कुल साफ और अलग होना चाहिए. इसका प्रयोग वो 9 दिनों तक कर सकते हैं जिसे कोई और नहीं यूजर में ला सकता.
3. व्रत रखने वाले को सिर्फ रात में फलहारी करना चाहिए. पूरे समय फलहारी खाने से व्रत का कोई मतलब नहीं रह जाता है. 9 दिनों तक बस रात में भोजन करना चाहिए. बाकी दिनभर पानी, दूऱ या शरबत ले सकते हैं.
4. व्रत रखने वाला कुंवारा हो या शादीशुदा उसे ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. खुद को पति-पत्नी या पार्टनर से दूर रखना चाहिए क्योंकि व्रत में आपका तन और मन दोनों शुद्ध होना जरूरी है.
5. व्रत रखने वाले के घर में लगसुन-प्यार, मांस-मदिरा जैसी चीजों का प्रयोग नहीं होना चाहिए. साथ ही व्रती को किसी के लिए अपशब्द बोलने से बचना चाहिए.
6. व्रती को 9 दिनों तक मां की सेवा में लगा देना चाहिए. भजन-कीर्तन और जागरण करने के अलावा दुर्गा सप्तशती का पाठ और धार्मिक ग्रंथों को पढ़ना चाहिए.
7. व्रत रखने वाले के वस्त्र, बर्तन और बिस्तर सबकुछ अलग और स्वच्छ होने चाहिए. व्रत का पालन पूरी निष्ठा और लगन से करने वालों से ही मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं.
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