सूर्य ग्रहण की पौराणिक कथा और धार्मिक महत्व जाने
4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण है। यह दुनिया के कई देशों में नजर आने वाला है। हालांकि, भारत में सूतक नहीं लग रहा है। अत: सूर्य ग्रहण के दौरान सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण है। यह दुनिया के कई देशों में नजर आने वाला है। हालांकि, भारत में सूतक नहीं लग रहा है। अत: सूर्य ग्रहण के दौरान सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं। धार्मिक ग्रंथों में निहित है कि सूतक और ग्रहण के दौरान के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। साथ ही खाने-पीने की भी मनाही है। इस दिन पूजा, जप तप और दान का विशेष महत्व है। इसके लिए सूर्य ग्रहण के दिन गरीबों और असहाय लोगों को दान अवश्य करें। साथ ही गौ माता को चारा खिलाएं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पृथ्वी और चन्द्रमा के बीच सूर्य आ जाने से चंद्रग्रहण और सूर्य एवं पृथ्वी के बीच चन्द्रमा के आने की वजह से सूर्यग्रहण लगता है। इस दौरान चंद्र और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है। सूर्य ग्रहण अमावस्या को और चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन लगता है। आइए, सूर्य ग्रहण की पौराणिक कथा और धार्मिक महत्व जानते हैं-