चैत्र नवरात्रि पर मां शैलपुत्री की पूजा जानें विधि और मंत्र

Update: 2024-04-06 12:40 GMT
ज्योतिष न्यूज़  : सनातन धर्म में नवरात्रि को खास माना गया है जो कि इस बार 9 अप्रैल से शुरू हो रही है और 17 अप्रैल को समर्पित हो जाएगी। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ अलग अलग स्वरूपों को समर्पित होते हैं इस दौरान भक्त देवी मां की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से देवी कृपा प्राप्त होती है नवरात्रि का प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना को समर्पित होता है इस दिन भक्त देवी की साधना आराधना करते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा शैलपुत्री की पूजा की विधि और मंत्र की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 मां शैलपुत्री की पूजा विधि—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां शैलपुत्री देवी दुर्गा का प्रथम स्वरूप है जिनकी पूजा नवरा​त्रि के पहले दिन की जाती है। मां शैलपुत्री सफेद वस्त्र धारण किए हुए बैल की सवारी करती है। माता के दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल है। देवी का स्वरूप सौम्य, स्नेह और धैर्य को दर्शाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन माता की विधिवत पूजा करने से अच्छे जीवनसाथी, धन, यश और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 इसके लिए नवरात्रि के पहले दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद माता का ध्यान करते हुए कलश स्थापना करें फिर शैलपुत्री की प्रतिमा को स्थापित करें। अब देवी को कुमकुम और अक्षत लगाएं माता का ध्यान करते हुए उनके मंत्रों का विधिवत जाप करें। और मां शैलपुत्री को सफेद पुष्प अर्पित करें इसके बाद देवी की आरती करें माता को सफेद चीजों का भोग लगाएं। भोग में आप फल और मिठाई शामिल कर सकते हैं।
 मां शैलपुत्री मंत्र—
ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः ।।
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।।
माता शैलपुत्री देवी कवच  
शैलपुत्री कवच—
ओमकार: में शिर: पातुमूलाधार निवासिनी।
हींकार, पातुललाटेबीजरूपामहेश्वरी॥
श्रीकार: पातुवदनेलज्जारूपामहेश्वरी।
हूंकार: पातुहृदयेतारिणी शक्ति स्वघृत॥
फट्कार: पातुसर्वागेसर्व सिद्धि फलप्रदा।
 
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