शरद पूर्णिमा: हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है लेकिन सभी पूर्णिमाओं में शरद पूर्णिमा सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है। जिसे रास पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा या फिर कौमुदी व्रत के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है।
जो कि माता लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की पूजा के लिए श्रेष्ठ दिन माना गया है। कहते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा धरती के सबसे अधिक निकट होता है। शरद पूर्णिमा पर निकलने वाली चंद्रमा की किरणें अमृत समान होती है इसलिए इस दिन रात में खीर बनाकर चंद्रमा की रौशनी में रखा जाता है और सुबह इसे प्रसाद रूप में ग्रहण करते है। शरद पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती है और अपने भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती है। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा शरद पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते है।
शरद पूर्णिमा की तिथि और मुहूर्त
पंचांग के अनुसार इस साल आश्विन मास की पूर्णिमा जिसे शरद पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर दिन शनिवार को प्रात: 4 बजकर 17 मिनट से आरंभ हो रही है और इसका समापन अगले दिन यानी 29 अक्टूबर को रात में 1 बजकर 53 मिनट पर होगा। उदया तिथि और पूर्णिमा के चंद्रोदय का समय दोनों ही 28 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है यही कारण है कि इस बार शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी की पूजा करना उत्तम माना जाता है ऐसे में इस दिन माता की पूजा के लिए रात में शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहा हैं जो रात को 8 बजकर 51 मिनट से 10 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में देवी साधना करने से जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।