जानिए मौनी अमावस्या भूलकर भी न करें आज, ये काम
आज 1 फरवरी को मौनी अमावस्या है. साल की महत्वपूर्ण अमावस्याओं में से एक मौनी अमावस्या के दिन गंगा में स्नान करना और उपवास रखना बहुत शुभ माना जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज 1 फरवरी को मौनी अमावस्या है. साल की महत्वपूर्ण अमावस्याओं में से एक मौनी अमावस्या के दिन गंगा में स्नान करना और उपवास रखना बहुत शुभ माना जाता है. मौनी अमावस्या जिसे माघ अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है और पितृ अमावस्या भी कहा जाता है, माघ महीने की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. जिसका धार्मिक रूप से बहुत खास महत्व है. यह मान्यता है कि इस दिन कुंडली के दोष से मुक्ति मिल सकती है और इस दिन पितरों के नाम तर्पण करने से उन्हें तृप्ति मिलती हैं.
बता दें कि महीने में एक बार अमावस्या और एक बार पूर्णिमा का दिन होता. अमावस्या को अशुभ दिन मानते हैं क्योंकि इस दिन नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बहुत ज्यादा होता है. परन्तु पूजा, जप तप के लिए यह दिन बहुत ही शुभ होता है. इसके स्वामी पितृ देव है. इस दिन शुभ कार्य को नहीं करना चाहिए अन्यथा लाभ की जगह हानि होने की संभावना जायदा रहती है. आज हम आपको बताएंगे कि अमावस्या के दिन कौन से ऐसे कार्य हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
लड़ाई झगड़े और क्लेश से दूर रहे
अमावस्या के दिन देवता पितर देवता होते हैं. घर में सुख-शांति और खुशी का माहौल पितरों की कृपा की से बनता है. पितरों को खुश करने और कृपा पाने के लिए जहां तक हो सके अपने आप पर और काबू रखें किसी से बिना वजह गाली गलौज मारपीट ना करें. घर में प्यार का वातावरण बनाकर रखें. जप पूजा पाठ करे. ऐसा करने से पितर खुश होकर अपना आशीर्वाद देते हैं. इस दिन होने वाले घर के क्लेश से पितृ रुष्ट होते हैं. जिससे आपको और आपके परिवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
कोई महत्व फैसला लेने से बचे
कोई महत्व फैसला लेने से बचना चाहिए क्युकी इस दिन मन का संतुलन सामान्य ना होने की वजह से लिया गया कोई भी महत्वपूर्ण और बड़ा फैसला गलत साबित हो सकता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा मन का कारक होता है, और इस दिन चंद्रमा दिखाई न देने की वजह से मन में असहजता बनी रहती है. इसलिए आपके द्वारा लिया फैसला आपको परेशानी में डाल सकता है. इसलिए इससे बचने की जरुरत होती है.
गरीब का अपमान ना करें
इस दिन गरीब या जरूरतमंद इंसान की मदद करें. मदद ना भी कर सके तो, कम से कम उसका अपमान ना करें. उसके दिल को ना दुखाये. गरीब आदमी के दिल को ठेस पहुंचाने से शनि और राहु-केतु रुष्ट हो जाते हैं और उनके प्रकोप से आपके जीवन में उथल-पुथल मच सकती है.
श्मशान भूमि में जाने से बचना चाहिए
अमावस्या के दिन शमशान भूमि के आसपास या अंदर जाने से हर वर्ग के लोगों को नहीं बचना चाहिए क्योंकि इस दिन और रात में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बहुत ज्यादा होता है जो, आप को अपनी चपेट में ले कर आप को नुकसान पहुंचा सकते हैं. मानसिक और शारीरिक दोनों तकलीफ को से परेशान कर सकती हैं. इसलिए जहां तक हो सके श्मशान भूमि अमावस्या के दिन नहीं जाना चाहिए.
शारीरिक यौन संबंध बनाने से परहेज करें
अमावस्या के दिन स्त्री हो या पुरुष दोनों को अपने मन पर नियंत्रण रखना जरूरी होता है. मन मैं बुरी कामना नहीं आने देना चाहिए. इस दिन शारीरिक संबंध बनाने से जीवन में परेशानियां बढ़ती है साथ ही इस संबंध से पैदा हुई संतान जीवन भर दुखी भोगती है. इसलिए इसदिन यौन संबंध न बनाये.
पेड़ों के नीचे जाने से बचे
मेहंदी, बरगद ,इमली ,मौलसिरी ,पीपल के पेड़ो के नीचे नहीं जाना चाहिए. क्यूंकि इन पेड़ो पर भूत,प्रेतों का वास होता है. जो अमावस्या को ज्यादा शक्तिशाली हो जाते है. यह आपको अपने वश में कर आपको दुखी करते रहते है. इसलिए इन पेड़ो के समीप जाने से भी इस दिन बचना चाहिए.