नए साल पर जानिए घर में मंदिर को लेकर कुछ नियम
घर में मंदिर को लेकर कुछ नियम
नया साल दस्तक दे चुका है और हम सभी को उम्मीद है कि ये साल सभी के जीवन में सुख और समृद्धि से भरा हो. नए साल के मौके पर लोग घर में कौन सी चीज कहां होगी इसका वास्तु के मुताबिक खास ध्यान देते हैं, क्योंकि वास्तु दोष जीवन में कई ऐसी परेशानियां लेकर आता है, जो लंबे समय तक परेशान करती हैं. घर में मंदिर को लेकर भी वास्तु शास्त्र के मुताबिक कई बातों का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. दरअसल, घर में मंदिर वो जगह है जहां माथा टेकने पर चिंता या परेशानी से मुक्ति मिल जाती है.
मन की शांति और ऊर्जा प्रदान करने वाले इस पवित्र स्थान को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने पर हमारी साधना शीघ्र ही सफल होती है और ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त होता है. तो आइए जानते हैं घर में देवी-देवताओं के लिए पूजा बनवाते समय हमें किन वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए.
दिशा
वास्तु शास्त्र की मानें तो घर में मंदिर हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए क्योंकि ईशान कोण शुभ प्रभावों से युक्त होता है. घर के इसी क्षेत्र में सत्व ऊर्जा का प्रभाव शत-प्रतिशत होता है.
भगवान की मूर्ति
ऐसा माना जाता है कि मंदिर में एक ही भगवान की मूर्ति रखनी चाहिए. अक्सर लोग इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं और इस कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
टूटी या खंडित मूर्ति
भूल से भी मंदिर में ही क्या घर में भी टूटी या खंडित मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. ऐसा होने पर घर में कलह के आसार बने रहते हैं और पूजा-अर्चना पर भी खासा असर पड़ता है. ऐसी मूर्तियों को नदियों में बहा देना चाहिए.
दो शंख न हो
वास्तु शास्त्र की मानें तो घर के मंदिर में कभी भी दो शंख नहीं होने चाहिए. इस नए साल पर अपने मंदिर में ये बदलाव जरूर करें और इससे आपके घर में सुख और शांति का माहौल बनेगा. साथ ही भगवान भी आपसे प्रसन्न रहेंगे.
बड़ी मूर्तियां
अगर आप नए साल के मौके पर घर के मंदिर में बड़ी मूर्ति स्थापित करने जा रहे हैं तो ऐसा करने से बचें. मान्यता है कि घर के मंदिर में बड़ी मूर्तियों को स्थापित करना ठीक नहीं होता.