जानिए पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करना है फायदेमंद

Update: 2022-08-04 07:11 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।     हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को सावन पूर्णिमा या श्रावणी पूर्णिमा के नाम से जाना है। इस दिन स्नान-दान करने का काफी महत्व है। इस साल सावन पूर्णिमा 11 अगस्त को मनाई जाएगी। शास्त्रों में इस दिन को काफी शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिन भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार भी मनाया जाता है। इसके साथ ही पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के साथ इंद्रदेव की आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। जानिए सावन पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और महत्व।

पूर्णिमा के दिन चंद्र पूजन करना लाभकारी
शास्त्रों के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने के विशेष लाभ है। इसलिए पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय होने के बाद अर्घ्य करने के साथ सिंदूर, अक्षत, पुष्प, भोग सहित अन्य चीजों जरूर अर्पित करें।
सावन पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
तिथि- 11 अगस्त को चंद्रमा उदित होने के कारण सावन पूर्णिमा इसी दिन मनाई जाएगी।
श्रावण मास की पूर्णिमा- 11 अगस्त 2022, गुरुवार को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से शुरू
श्रावण पूर्णिमा समाप्त- 12 अगस्त 2022 को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- 11 अगस्त को दोपहर 12 बजे से लेकर 12 बजकर 53 मिनट तक।
सावन पूर्णिमा पर बन रहे हैं खास योग
इस साल सावन मास की पूर्णिमा के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं जो आयुष्मान योग, रवि योग और सौभाग्य योग है।
रवि योग- सुबह 5 बजकर 48 मिनट से सुबह 6 बजकर 53 मिनट तक है
आयुष्मान योग- सुबह से दोपहर 3 बजकर 32 मिनट तक
सौभाग्य योग- दोपहर 3 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर अगले दिन सुबह 11 बजकर 34 मिनट तक
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