जानिए एकादशी में जन्में लोगो का कैसा होगा स्वभाव और व्यवहार
हर व्यक्ति जन्म से ही जिज्ञासु स्वभाव का होता है। हालांकि उसे अपने स्वभाव और व्यवहार की जानकारी होती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर व्यक्ति जन्म से ही जिज्ञासु स्वभाव का होता है। हालांकि उसे अपने स्वभाव और व्यवहार की जानकारी होती है फिर भी वो उत्सुकतावश अपने बारे में बहुत कुछ जानने का इच्छुक रहता है। और इसके लिए व्यक्ति को ज्योतिष शास्त्र से अच्छा मार्ग नहीं दिखता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि ज्योतिषशास्त्र में तिहतियों का बहुत महत्व है। और हर व्यक्ति के जीवन पर तिथियों का प्रभाव पड़ता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हमारा जन्म जिस तिथि में होता है हमारा स्वभाव और व्यवहार वैसा ही होता है। आइए जानते हैं हिन्दी जन्मतिथि के अनुसार कैसा होगा आपका स्वभाव और व्यवहार
प्रत्येक माह में होते हैं दो पक्ष
प्रत्येक माह में दो पक्ष होते हैं, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। हर पक्ष में 15 दिन होते हैं। पहले प्रतिपदा से अमावस्या तक कृष्ण पक्ष और फिर प्रतिपदा से पूर्णिमा तक शुक्ल पक्ष कहलाता है। दोनों ही पक्षों में प्रतिपदा से चतुर्दशी तक चौदह दिन होते हैं और कृष्ण पक्ष में पन्द्रहवा दिन अमावस्या और शुक्ल पक्ष का पन्द्रहवा दिन पूर्णिमा कहलाता है। इस प्रकार एक हिन्दी माह में तिथियां होती हैं। इन तिथियों के हिसाब से ही व्यक्ति का स्वभाव होता है।
प्रतिपदा तिथि
प्रतिपदा माह में जन्म लेने वाला व्यक्ति अक्सर बीमार रहता है। धन की कमी से जूझता है। ऐसा व्यक्ति अनैतिक तथा कानून के विरूद्ध जाकर काम करने वाले होते हैं और इनकी दोस्ती भी ऐसी ही लोगों से होती है। इन्हें तामसी भोजन का शौक होता है। कई मामलों में ऐसे व्यक्ति परिवार को कष्ट पहुंचते हैं।
द्वितीया तिथि
द्वितीया तिथि को जन्म लेने वाला पुरुष या स्त्री परस्त्री या परपुरुष से संबंध रखने वाले, दूषित वाणी बोलने वाले, गलत लोगों की संगत में रहने वाले, दूसरों के प्रति दुराभाव रखने वाले होते हैं। ऐसे व्यक्ति के हृदय में छल कपात होता है। ऐसे लोग दूसरों की खुशी देखकर प्रसन्न नहीं होते बल्कि उनके प्रति ईर्ष्या का भाव रखते हैं। ये अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए किसी को भी धोखा दे सकते हैं।
तृतीया तिथि
तृतीया इस तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्ति बरकती नहीं होते हैं। ये जितना कमाते हैं उतना खर्च कर देते हैं। ये आलसी, मंदबुद्धि किस्म के होते हैं। इस तिथि का जातक आलसी और मेहनत से जी चुराने वाले होते हैं। ये दूसरे व्यक्ति से जल्दी घुलते मिलते नहीं हैं बल्कि लोगों के प्रति इनके मन में द्वेष की भावना रहती है। इन्हें धन कमाने के लिए काफी मेहनत और परिश्रम करना होता है।
चतुर्थी तिथि
चतुर्थी तिथि में जन्में लोग विद्वान, बुद्धिमान और विशाल हृदय वाले होते हैं। इनके पास धन तो होता है, लेकिन उसका पूर्ण उपभोग करने को लेकर चिंतित रहते हैं। पराक्रमी और इनके मित्रों की संख्या अधिक होती हैं। इनका रहन-सहन, पहनावा बहुत बढि़या होता है। ऐसे व्यक्ति मित्रों के प्रति प्रेम भाव रखते हैं। यह आर्थिक रूप से काफी अच्छी स्थिति में होते हैं।
पंचमी तिथि
पंचमी तिथि में जन्में लोग धनी, किसी न किसी कला में माहिर, व्यापारी, पराक्रमी, माता-पिता की आज्ञा मानने वाले, शरीरिक सौंदर्य और सेहत का विशेष ध्यान रखने वाले होते हैं। इस तिथि में जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह माता पिता के प्रति समर्पित रहता है, वही उनकी की सेवा को अपना धर्म समझता है। आर्थिक रूप से ये उन्नत होते हैं और सुख-साधन से समृद्ध होते हैं।
षष्ठी तिथि
षष्ठी तिथि में जन्म लेने वाले जातक यात्रा करने के शौकीन होते हैं। हालांकि स्वभाव से थोड़े कई देशों और राज्यों की यात्रा करते हैं।इनकी यात्राएं मनोरंजन और व्यवसाय दोनों से संबंधित होती हैं। हालांकि ये बुरे स्वभाव वाले होते है और अपने अहम के आगे किसी को नहीं देखते। इनके इसी स्वभाव के कारण इनके मित्र नहीं होते। इनके मित्र भी कम होते हैं।
सप्तमी तिथि
जिन जातकों का जन्म सप्तमी तिथि में होता है वह धनवान , प्रतिभाशाली, कलाकार और दिखने में सुंदर होते हैं। समाज और परिवार में इनका मान-प्रतिष्ठा अच्छी होती है। इनकी संतानें किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करती हैं। अपने मधुर व्यवहार के कारण ये सभी के बीच लोकप्रिय होते हैं। ये कठिन से कठिन कार्य को भी अपनी निपुणता से पूरा कर लेते हैं।
अष्टमी तिथि
अष्टमी तिथि में जन्में जातक धर्मात्मा, दानी, सत्यवादी, धनवान, गुणवान, पराक्रमी तो होते हैं। लेकिन इतना होने के बाद भी इस तिथि में जन्मे जातक कामी और परस्त्री या परपुरुष पर नजर रखने वाले होते हैं। वैसे तो ये शांत स्वभाव के होते हैं लेकिन जब इन्हें क्रोध आता है तो वह किसी की नहीं सुनते।
नवमी तिथि
नवमी तिथि में जन्म लेने वाले जातक कीर्तिवान होते हैं। इनकी कन्या संतानें अधिक होती हैं। विद्यावान और कला में निपुण होते हैं। शस्त्र विद्या में भी माहिर होते हैं। धार्मिक प्रवृत्ति वाले होते हैं। अनेक तरह के कार्यों से धन अर्जित करते हैं।
दशमी तिथि
दशमी तिथि में जन्में जातक धनवान, प्रतिभावान, धर्मकार्य के ज्ञाता, परिवार की भलाई के इच्छुक, कलाकार बनने की प्रबल इच्छा इनके मन में होती है। इन्हें यात्राएं करना पसंद होता है। भाई-बंधुओं, परिजनों से इनके संबंध अत्यंत मधुर होते हैं।
एकादशी तिथि
एकादशी तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के विचार शुद्ध होते हैं और धर्म कार्य में इनका विशेष लगाव होता है। धनवान और नित गुरु की सेवा में लगे रहते हैं। इनकी अनेक संतानें होती हैं और ये सदा न्याय के रास्ते पर चलते हैं। लेकिन इनका मन किसी भी विषय में केन्द्रित नहीं हो पाता है बल्कि हर पल इनका मन चंचल रहता है।
द्वादशी तिथि
द्वादशी तिथि में जन्में जातक अपने जीवन में यात्राएं बहुत करते हैं। चाहे शौक से या कार्य के कारण लेकिन ये कभी एक जगह टिककर नहीं बैठते। विदेश यात्राएं भी करते हैं। इनका मन अत्यंत चंचल होता है। हमेशा कुछ नया सीखने की ललक इनके मन में होती है।
त्रयोदशी तिथि
त्रयोदशी तिथि में जिन जातकों का जन्म हुआ है वे धनवान, विद्यावान, गुणी, पराक्रमी, दूसरों के काम में रुचि लेने वाले होते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने अनुभवों का लाभ दूसरों को देने के प्रयत्न में लगे रहते हैं। इसके साथ ही इन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त होती है और लोगों के मन में इनके प्रति मान सम्मान होता है।
चतुर्दशी तिथि
चतुर्दशी तिथि में जन्में जातक साहसी होते हैं। झूठ और धोखे से इन्हें सख्त नफरत होती है। इस तिथि में जन्में जाता वैसे तो शांत स्वभाव के होते हैं लेकिन गुस्सा आने पर इन्हें कोई रोक नहीं सकता। इस तिथि में जन्में जातकों के मन में गरीबों और साधु-संतों के लिए सहानुभूति और प्रेम होता है।
अमावस्या
अब बात करते हैं अमावस्या की तिथि पर जन्में जातकों की इस तिथि में जन्में जातक के दिल और दिमाग में सामंजस्य नहीं होने के कारण इनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर होता है। यह लोग मन में बातें दबाकर रखते हैं। हालांकि इस तिथि में जन्में जातक चतुर और कुटिल होता है. इनके व्यवहार व आचरण में कठोरता दिखाई देती है।