जानिए कीचक ने द्रोपदी को कैसे पकड़ा अपने भुजाओं में

Update: 2024-06-26 06:57 GMT

कीचक ने द्रोपदी के साथ किया अभद्र व्यवहार:- Keechak behaved indecently with Draupadi

जब पाण्डव अपनी एक वर्ष की आज्ञात्वास की अवधि राजा विराट Period of obedience to King Virata के यहाँ व्यतीत कर रहे थे तब वहाँ द्रौपदी "सैरन्ध्री" नामक एक दासी के रूप में राजा विराट की पत्नी की सेवा में कार्यरत थी। उस समय कीचक सैरन्ध्री (द्रौपदी) पर मोहित हो गया। एक दिन उसने बल़पूर्वक सैरन्ध्री के साथ समागम की कोशिश की जिसके परिणामस्वरूप भीमसेन ने कीचक का वध कर दिया। कीचक को केवल सात: योद्धा ही मार सकते थे।
अपने अज्ञातवास के समय पाण्डव विराट के महल में छद्मवेश में रह रहे थे। महल में द्रौपदी को सैरंध्री बनकर छद्मवेश में रानी सुदेष्णा की सेवा करते दस मास से अधिक हो चुके थे, तभी एक दिन राजा विराट के सेनापति तथा साले कीचक ने उसे देखा तो उस पर आसक्त हो गया।
उसने सुदेष्णा की आज्ञा लेकर सैरंध्री के सम्मुख विवाह का प्रस्ताव रखा proposed marriage face to face, किंतु सैरंध्री ने यह बता कर कि उसका विवाह हो चुका है तथा पाँच शक्ति संपन्न गंधर्व उसके पति तथा सरंक्षक हैं, उसके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।अभद्र व्यवहारी
द्रोपदी के इंकार करने पर भी कीचक मानने वाला नहीं था। रानी को भी उसके रूप के प्रति अपने पति के आकर्षण The queen also felt her husband's attraction towards her beauty का भय बना रहता था, अत: उसने भाई से सलाह कर एक दिन सैरंध्री को उसके महल में शराब लेने के बहाने भेजा। मार्ग में सैरंध्री सूर्य भगवान से अपनी रक्षा की प्रार्थना करती हुई गयी।
कीचक पहले से ही तैयार था। उसने सैरंध्री से बहुत ही अभद्र व्यवहार किया और उसके साथ बलात्कार करने का प्रयास किया। किंतु सैरंध्री उससे छूटकर दौड़ती हुई राजा विराट की सभा में पहुँची। कीचक ने उसे अपने पांव से ठोकर मारी तथा उसके बाल खींचे- किंतु अज्ञातवास का भेद खुलने के भय से पांडव सब कुछ देखते हुए भी उसकी रक्षा के लिए आगे नहीं बढ़े। राजा विराट ने कीचक को समझा-बुझाकर लौटा दिया।
Tags:    

Similar News

-->