Vishnu Aarti ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में एकादशी व्रत को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ता है ऐसे साल में कुल 24 एकादशी का व्रत किया जाता है इस दिन भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार आश्विन माह में पड़ने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जा रहा है जो कि आज यानी 28 सितंबर दिन शनिवार को मनाई जा रही है
इस दिन पूजा पाठ करना लाभकारी होता है लेकिन इसी के साथ ही अगर भगवान विष्णु की प्रिय आरती का पाठ किया जाए तो श्री हरि और माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है जिससे आर्थिक संकट दूर हो जाता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान विष्णु की आरती।
।।श्री विष्णु आरती।।
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ॐ जय जगदीश हरे...
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।
स्वामी दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥
ॐ जय जगदीश हरे...
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी।
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
स्वामी तुम अन्तर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।
स्वामी तुम पालन-कर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
स्वामी सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति॥
ॐ जय जगदीश हरे...
दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
स्वामी तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ॐ जय जगदीश हरे...
विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
स्वामी पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥
ॐ जय जगदीश हरे...
श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे।
स्वामी जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥
ॐ जय जगदीश हरे...