जानें वरुथिनी एकादशी की तिथि, पूजा मुहूर्त एवं पारण समय के बारे में
वरुथिनी एकादशी व्रत वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वरुथिनी एकादशी व्रत वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से सौभाग्य बढ़ता है, पाप नष्ट होते हैं, मोक्ष मिलता है, 10 हजार वर्ष तक तक करने के बराबर फल मिलता है. इस व्रत को करने से कन्या दान एवं अन्नदान करने के समान ही पुण्य प्राप्त होता है. इस बार वरुथिनी एकादशी 26 अप्रैल दिन शनिवार को है. आइए जानते हैं वरुथिनी एकादशी की तिथि, पूजा मुहूर्त एवं पारण समय के बारे में.
वरुथिनी एकादशी 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 26 अप्रैल दिन शनिवार को 01:37 एएम पर हो रहा है. इस तिथि का समापन 27 अप्रैल को 12:47 एएम पर होगा. ऐसे में उदयातिथि की मान्यता के अनुसार वरुथिनी एकादशी व्रत 26 अप्रैल को रखा जाएगा.
वरुथिनी एकादशी 2022 मुहूर्त
इस दिन शाम 07 बजकर 06 मिनट तक ब्रह्म योग है, उसके बाद से इंद्र योग प्रारंभ हो जाएगा. शतभिषा नक्षत्र शाम 04 बजकर 56 मिनट तक है, फिर पूर्व भाद्रपद लगेगा. ये दोनों ही योग और नक्षत्र मांगलिक कार्यों के लिए शुभ हैं. आप वरुथिनी एकादशी के दिन प्रात:काल से भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं.
वरुथिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग देर रात 12:47 बजे से लेकर अगले दिन 27 अप्रैल की सुबह 05:44 बजे तक है. इस दिन का अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है.
वरुथिनी एकादशी 2022 पारण समय
जो लोग 26 अप्रैल को वरुथिनी एकादशी व्रत रखेंगे, वे अगले दिन 27 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 41 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 22 मिनट के बीच पारण करके व्रत को पूरा कर सकते हैं. यह पारण का सही समय है.
वरुथिनी एकादशी के दिन जितना व्रत रखना महत्वपूर्ण होता है, उतना ही व्रत कथा का पाठ या श्रवण करना महत्वपूर्ण होता है. भगवान विष्णु की पूजा करते समय वरुथिनी एकादशी व्रत कथा जरूर पढ़ें. किन्हीं कारणों से नहीं पढ़ सकते हैं, तो उसे सुन लें.