जानिए अगस्त के व्रत और त्योहारों के बारे में.

Update: 2022-07-28 04:38 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।   अंग्रेजी कैलेंडर का आठवां माह अगस्त का प्रारंभ होने वाला है. इस माह में रक्षाबंधन (Rakshabandhan) यानि राखी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami), पुत्रदा एकादशी, नाग पंचमी, हरतालिका तीज (Hartalika Teej), गणेश चतुर्थी, विनायक चतुर्थी, कजरी तीज, वरलक्ष्मी व्रत जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आएंगे. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से देखा जाए तो अगस्त माह में इसके दो मास श्रावण का शुक्ल पक्ष और भाद्रपद का कृष्ण पक्ष आएगा. राखी और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी त्योहार का हर किसी को इंतजार रहता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि अगस्त के ये व्रत और त्योहार कब और किस दिन पड़ रहे हैं, ताकि आप समय पूर्व इसकी विधिवत तैयारी कर लें. आइए जानते हैं अगस्त के व्रत और त्योहारों के बारे में.

अगस्त 2022 व्रत और त्योहार
01 अगस्त: दिन-सोमवार: श्रावण विनायक चतुर्थी व्रत, सावन का तीसरा सोमवार व्रत
02 अगस्त, दिन-मंगलवार: नाग पंचमी, सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत
03 अगस्त, दिन-बुधवार: स्कंद षष्ठी व्रत
08 अगस्त, दिन-सोमवार: श्रावण पुत्रदा एकादशी, सावन का चौथा सोमवार व्रत
09 अगस्त, दिन-मंगलवार: भौम प्रदोष व्रत, सावन का चौथा मंगला गौरी व्रत
11 अगस्त, दिन-गुरुवार: रक्षाबंधन या राखी
12 अगस्त, दिन-शुक्रवार: श्रावण पूर्णिमा व्रत, वरलक्ष्मी व्रत
14 अगस्त, दिन-रविवार: कजरी तीज
15 अगस्त, दिन-सोमवार: बहुला चतुर्थी
17 अगस्त, दिन-बुधवार: सिंह संक्रांति
19 अगस्त, दिन-शुक्रवार: श्री​कृष्ण जन्माष्टमी
23 अगस्त, दिन-मंगलवार: अजा एकादशी
24 अगस्त, दिन-बुधवार: प्रदोष व्रत
25 अगस्त, दिन-गुरुवार: मासिक शिवरात्रि
27 अगस्त, दिन-शनिवार: भाद्रपद अमावस्या
30 अगस्त, दिन-मंगलवार: हरतालिका तीज
31 अगस्त, दिन-बुधवार: गणेश चतुर्थी
अगस्त माह में श्रावण पुत्रदा एकादशी और हरतालिका तीज व्रत का विशेष महत्व होता है. श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत के नाम से ही ज्ञात होता है कि यह व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए रखा जाता है. इस व्रत को करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से पुत्र की प्राप्ति होती है. वंश की वृद्धि होती है. जो दंपत्ति निःसंतान हैं या जिनको वंश वृद्धि की कामना है, वे इस व्रत को करते हैं.
वहीं हरतालिका तीज व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, सुखी वैवाहिक जीवन और अखंड सौभाग्य की कामना से यह व्रत करती हैं. उत्तर भारत में इस व्रत को करवा चौथ व्रत के समान ही मान्यता प्राप्त है. हरतालिका तीज व्रत सभी व्रतों में कटिन व्रत माना जाता है क्योंकि इस व्रत में निर्जला व्रत रखते हैं और अगले दिन सूर्योदय के बाद ही पारण करके व्रत को पूरा किया जाता है.
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