ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन प्रदोष व्रत को खास माना गया है जो कि भगवान शिव की पूजा आराधना को समर्पित होता है इस दिन भक्त भगवान शिव की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन शिव साधना उत्तम फल प्रदान करती है और जीवन के दुखों व कष्टों का अंत कर देती है।
प्रदोष व्रत हर माह में आता है जो कि शिव पार्वती की पूजा अर्चना को समर्पित होता है माना जाता है कि इस दिन विधिवत पूजा पाठ और व्रत करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है पंचांग के अनुसार अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाला प्रदोष व्रत 5 मई दिन रविवार को मनाया जाएगा। रविवार के दिन प्रदोष व्रत होने के कारण ही इसे रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है प्रदोष व्रत को लेकर कई सारे नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है वरना व्रत पूजा का फल नहीं मिलता है और देवता नाराज़ हो सकते हैं तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
प्रदोष व्रत के जरूरी नियम—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत रखने वाले साधक को व्रत से एक दिन पहले से ही मांस मदिरा आदि का त्याग कर देना चाहिए। इस दिन भूलकर भी मांस, मदिरा व लहसुन प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए वरना पाप लगता है इसके अलावा प्रदोष व्रत के दिन व्रती को झूठ नहीं बोलना चाहिए किसी का अपमान नहीं करना चाहिए और ना ही अपशब्द का प्रयोग करना चाहिए
ऐसा करने से भगवान नाराज़ हो जाते हैं इस दिन घर आए गरीब को खाली हाथ नहीं लौटना चाहिए बल्कि कुछ न कुछ दान जरूर देना चाहिए। शिव पूजन में भगवान को तुलसी भूलकर भी अर्पित ना करें इस दिन शिव को सिंदूर भी नहीं चढ़ाना चाहिए ऐसा करने से पाप लगता है।