शारदीय नवरात्रि के पूजा में इन बातों का रखें ध्यान, आप पर होगा मां दुर्गा का विशेष आशीर्वाद
अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि के पूजन का विधान है।
अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि के पूजन का विधान है। इन नौ दिनों में आदि शक्ति मां दुर्गा का व्रत और पूजन किया जाता है। मां दुर्गा के नौ रूप हैं, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है। नवरात्रि के प्रत्येक दिन मां के एक रूप का पूजन होता है। इस साल नवरात्रि 07 अक्टूबर से शुरू हो कर 15 अक्टूबर रहेगी। इस बार दो तिथियां एक दिन ही पड़ जाने के कारण नवरात्रि का पूजन आठ दिनों तक ही होगा। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस काल में भक्त मां दुर्गा के पूजन के साथ व्रत और संयम के कठोर नियमों का भी पालन करते हैं। आइए जानते हैं नवरात्रि में निषिद्ध कार्यों के बारे में....
1-नवरात्रि में सात्विक भोजन ही करना चाहिए। नवरात्रि के नौ दिन तामसिक भोजन मांस, मदिरा तथा लहसुन,प्याज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
2- जो लोग मां के नौ दिन के व्रत रह रहे हो उन्हें नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। अधिक जरूरत पड़ने पर सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं।
3- नवरात्रि के नौ दिन नहाने और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नवरात्रि के प्रत्येक दिन पूजन के पहले पूरे घर की सफाई जरूर करें।
4- नवरात्रि में दाढ़ी, बाल और नाखून नहीं कटवाए जाते हैं। नव दिनों तक मां का पूजन करने के बाद दाढ़ और बाल कटवा सकते हैं।
5- नवरात्रि के पूजन में चमड़े के प्रयोग से बचें तथा मां दुर्गा के मंदिर में भी दर्शन करने जाए तो चमड़े के बेल्ट और पर्स ले कर न जाएं।
6- मां दुर्गा की खण्डित मूर्ति का पूजन नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से अशुभ फल की प्राप्ति होती है।
7- पूजा के दौरान मंत्र और पाठ का सही उच्चारण करना चाहिए। जो मंत्र या पाठ अधिक कठिन लगे उन्हें पढ़ने से बचें।
8- मां दुर्गा की पूजा का अंत आरती गा कर करना चाहिए, ऐसा करने से पूजन की गलतियों की क्षमा मांगनी चाहिए।