कार्तिक मास 2024: रविवार को क्यों नहीं तोड़ते तुलसी के पत्ते, जल चढ़ाते समय जरूर बोलें ये मंत्र
कार्तिक मास 2024: तुलसी से जुड़े ये नियम आपके जीवन में सुख- समृद्धि लेकर आएंगे। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, तुलसी ( Tulsi Puja 2024) को बहुत ही पवित्र पौधा माना जाता है। कार्तिक मास में हर दिन तुलसी की पूजा, दीप जलाने और परिक्रमा करने से भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, तुलसी का पौधा मां तुलसी का रूप है। देवी तुलसी, भगवान विष्णु के एक रूप भगवान शालीग्राम की पत्नी हैं। विष्णु जी ने देवी तुलसी को यह वरदान दिया था कि जिस पूजन में उनकी उपस्थिति नहीं होगी, उस पूजन को भगवान विष्णु स्वीकार नहीं करेंगे।
रविवार को क्यों नहीं तोड़ते तुलसी के पत्ते Ravivar Ko Tulsi Kyon Nahin Todte
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रविवार के दिन, देवी तुलसी विष्णु ध्यान में लीन रहती हैं और विश्राम करती हैं और बाकी के दिनों में वह जनकल्याण और अपने भक्तों के कल्याण के लिए उपस्थित रहती हैं। रविवार को तुलसी जी के ध्यान और विश्राम में कोई विघ्न ना आए इस कारण रविवार को तुलसी में जल अर्पित करने और तुलसी के पत्ते तोड़ने के लिए मना किया जाता है।
तुलसी माता का मंत्र क्या है Tulsi Mantra
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी। पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।। एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम। य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
तुलसी माता को जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलें Tulsi Mata ko Jal Chadne ka Mantra
तुलसी को जल चढ़ाते समय 'ॐ सुभद्राय नम:' का मंत्र जरूर बोलें इससे मां लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होंगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी को जल देते समय 'ॐ सुभद्राय नम:' मंत्र का 11 या 21 बार जाप करें।आप जल चढ़ाते समय अगर आप " महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी अधिक व्याधि हर नित्यम, तुलसी त्वं नमोस्तुते " मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
तुलसी के पत्ते तोड़ते समय क्या बोलना चाहिए
महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।। मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।