नई दिल्ली : हिंदू धर्म में ज्येष्ठ महीने का विशेष महत्व है। शास्त्रों की मानें तो ज्येष्ठ महीने के पहले मंगलवार के दिन भगवान श्री राम हनुमान जी से मिले थे। इसलिए इस महीने में पड़ने वाले हर मंगलवार को बड़ा मंगल कहते हैं। मान्यता है कि बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से जातक के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं। इस माह में कुछ कार्यों को करना वर्जित है। इन कार्यों को करने से इंसान को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह में क्या करें और क्या न करें?
ज्येष्ठ माह में क्या करें?
ज्येष्ठ माह में दान को पुण्य के समान माना जाता है। तेज गर्मी में राहगीरों को जल का दान करने से न केवल देवी-देवता प्रसन्न होते हैं बल्कि, पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पशु-पक्षियों के लिए पीने के लिए जल रखें।
ज्येष्ठ माह में तांबा और तिल का दान करें। मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से मंगल दोष से छुटकारा मिलता है।
इसके अलावा सत्तू का सेवन हेल्थ के लिए लाभकारी होता है।
ज्येष्ठ माह में क्या न करें?
ज्येष्ठ माह में बड़े बेटे या बेटी की शादी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से जातक पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
इस माह में दिन में नहीं सोना चाहिए। इससे इंसान को बीमारी का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा तली भुनी हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पेट संबंधी परेशानियां सकती हैं।
ज्येष्ठ माह में जल की बर्बादी नहीं करनी चाहिए।
इस दिन से शुरू होगा ज्येष्ठ माह 2024
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष ज्येष्ठ माह की शुरुआत 24 मई 2024 से होगी और इसका समापन 23 जून 2024 को होगा।
ज्येष्ठ माह का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ माह संकटमोचन हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी। इसलिए इस माह में पड़ने वाले मंगलवार को व्रत करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और सभी तरह के संकटों से छुटकारा मिलता है।