सिंह संक्रांति को घी का सेवन होता हैं जरुरी, क्यों? आइये जानें इसका महत्व व शुभ समय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव आज 17 अगस्त को कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करने जा रहें हैं.

Update: 2021-08-17 04:25 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव आज 17 अगस्त को कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करने जा रहें हैं. सूर्य के इस राशि परिवर्तन को सिंह संक्रांति कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक़, लोगों को सिंह संक्रांति के दिन घी का सेवन जरूर करना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु, सूर्यदेव और भगवान नरसिंह की पूजा की जाती है तथा पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद दान-पुण्य किया जाता है.

सिंह संक्रांति क्या है?
जब सूर्यदेव कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करते हैं तो यह सिंह संक्रांति कहलाती है. वहीँ सूर्यदेव जब राशि बदलते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है.
सिंह संक्रांति पर घी का महत्व (Importance of Ghee): सिंह संक्रांति में घी के सेवन का विशेष महत्व होता है. इस दिन यदि गाय के घी सेवन किया जाये तो उत्तम होता है. सिंह संक्रांति के दिन घी का सेवन होता है इसलिए इसे घी संक्रांति भी कहते हैं. कहा जाता है कि सिंह संक्रांति के दिन घी का सेवन करने से ऊर्जा, तेज और बुद्धि में वृद्धि होती है. धार्मिक मान्यता है कि सूर्य संक्रांति के दिन घी खाने से राहु और केतु के कुप्रभाव से बचा जा सकता है. जो लोग इस दिन घी का सेवन नहीं करते हैं वे अगले जन्म में घोंघे के रूप में जन्म लेते हैं. घोंघा बहुत ही धीमी गति से चलता है.यह आलस्य का प्रतीक माना जाता है. इस लिए सिंह संक्रांति के दिन घी का सेवन आती लाभदायक और शुभ कारी होता है.
सिंह संक्रान्ति पुण्य काल मुहूर्त {Singh Sankranti Shubh Muhurat}
सिंह संक्रांति: 17 अगस्त 2021 मंगलवार को
सिंह संक्रांति पुण्य काल: प्रातः काल 05:51 बजे से 12:25 पीएम तक
अवधि: 06 घण्टे 34 मिनट्स
सिंह संक्रांति महा पुण्य काल: प्रातः काल 05:51 बजे से 08:02 बजे तक
अवधि: 02 घण्टे 11 मिनट्स
सिंह संक्रांति का क्षण: 01:32 एएम


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