Jaya Ekadashi 2025:जया एकादशी पर भगवान विष्णु के किस स्वरूप की होती है पूजा, जानें पूजा विधि

Update: 2025-02-06 04:28 GMT
Jaya Ekadashi 2025: एकादशी का व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. माघ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी का व्रत किया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने धरती और मनुष्य के उद्धार के लिए कई अवतार लिए हैं. श्री हरि के इन सभी अवतारों की अगल-अलग अवसर पर पूजा की जाती है. वैसे तो एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है, लेकिन क्या आपको पता है कि जया एकादशी के के दिन विष्णु जी के किस रूप की पूजा की जाती है|
जया एकादशी पर करें विष्णु जी के इस रूप की पूजा
माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का व्रत 8 फरवरी को किया जाएगा. इस इस दिन भगवान विष्णु के माधव रूप और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट होते हैं और पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है|
जाय एकादशी पूजा विधि
जाय एकादशी के दिन पूजा करने के लिए सुबह उठें और नहाकर विष्णु भगवान का पूरे श्रद्धा भाव से पूजन करें. फिर व्रत का संकल्प करके चौकी पर लाल कपड़ा बिछा लें. उसके बाद भगवान विष्णु की और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. इसके बाद विष्णु जी की तस्वीर को चंदन लगाएं और माता लक्ष्मी को रोली या सिंदूर से टीका लगाकर पुष्प एवं भोग अर्पित करें एवं श्रद्धा भाव से पूजन करते हुए फलाहार व्रत करें|
जया एकादशी का महत्व
जया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का समर्पित है. कहते है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन से रोग दूर होते हैं और अरोग्य की प्राप्ति होती है. साथ ही इस व्रत से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति बैकुंठ धाम प्राप्त करता है. इसके अलावा जया एकादशी के नाम से ही पता चलता है कि यह व्रत व्यक्ति को सभी कार्यों में विजय दिलाता हैं|
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