Inspirational Story: इस अनाथ ने किया ऐसा काम, जानकर आप भी करेंगे सलाम
विधवाओं के अवैध
Inspirational Story: करुणामूर्ति ज्योतिराव फुले की पत्नी सावित्री बाई ने अनाथ बच्चों के पालन-पोषण के लिए प्रसूति गृह खोल रखा था। विधवाओं के अवैध कहलाने वाले बच्चों के पालन-पोषण में वह विशेष रुचि लेती थीं। एक दिन काशीबाई नामक विधवा उनके प्रसूति गृह में पहुंची। सावित्री बाई ने सहानुभूतिपूर्वक उसे आश्रय दिया। उसने पुत्र को जन्म दिया। उसने बच्चे का मुंह चूमा तथा सावित्री बाई की गोद में देते हुए बोली, ‘‘मैं पतिता शायद जीवन भर इसका मुंह नहीं देख पाऊंगी। अब इसका भविष्य आपके हाथों में है।’’
ये शब्द कहते-कहते वह फूट-फूट कर रो पड़ी। सावित्री बाई ने उसे सांत्वना देते हुए कहा, ‘‘बहन इस बच्चे की मां बनने के लिए तुम दोषी कदापि नहीं हो। बाल विधवाओं के विवाह को पाप मानने वाले इसके लिए जिम्मेदार हैं।’’
फुले दम्पति ने बच्चे का नाम यशवंत रखा। उसे अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाई। आगे चल कर यशवंत ने ‘सत्य सेवक समाज’ संस्था के माध्यम से बाल विवाह तथा अन्य कुरीतियों के उन्मूलन में अपना जीवन लगा दिया।