इस शुभ मुहूर्त में करें माता गौरी और भगवान शिव की पूजा, जानें संपूर्ण पूजा विधि

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल तृतीया को गणगौर व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत आज यानी 15 अप्रैल, दिन गुरुवार को है।

Update: 2021-04-15 03:07 GMT

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल तृतीया को गणगौर व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत आज यानी 15 अप्रैल, दिन गुरुवार को है। इस व्रत में माता पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि गणगौर व्रत रखने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

गणगौर 2021 पूजा मुहूर्त-
गणगौर तीज पूजा 2021- 15 अप्रैल 2021 (गुरुवार)
गौरी पूजा आरंभ- 29 मार्च 2021 (सोमवार) से।
गौरी पूजा समाप्त- 15 अप्रैल (गुरुवार) से।
चैत्र शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि आरंभ- 14 अप्रैल दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से।
चैत्र शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि समाप्त- 15 अप्रैल शाम 03 बजकर 27 मिनट तक।
गणगौर पूजा शुभ मुहूर्त- 15 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 52 मिनट तक।
कुल अवधि- 35 मिनट।
गणगौर पूजा सामग्री-
आसन, कलश, काली मिट्टी, अक्षत, ताजे फूल, आम की पत्ती, नारियल, सुपारी, पानी से भरा हुआ कलश, गणगौर के कपड़े, गेंहू, बांस की टोकरी, चुनरी, हलवा, सुहाग का सामान, कौड़ी, सिक्के, घेवर, चांदी की अंगुठी, पूड़ी, होलिका की राख, गोबर या फिर मिट्टी के उपले, शृंगार का सामान, शुद्ध घी, दीपक, गमले, कुमकुम आदि।
गणगौर की पूजा विधि-
गणगौर व्रत के लिए कृष्ण पक्ष की एकादशी को सुबह स्नान आदि करने के बाद लकड़ी की बनी टोकरी में जवारे बोना चाहिए। पढ़ें संपूर्ण पूजा विधि-
1. गणगौर व्रत में व्रती महिला को केवल एक समय में भोजन करना चाहिए।
2. मां गौरी को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
3. इसके बाद चंदन, अक्षत, धूप-दीप आदि अर्पित करें।
4. इसके बाद मां गौरी को भोग लगाएं।
5. भोग लगाने के बाग गणगौर व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
6. भोग लगाने के बाद माता गौरी को चढ़ाए गए सिंदूर से सुहाग लें।
7. चैत्र शुक्ल द्वितीया को गौरी को किसी तालाब या नदी में ले जाकर स्नान कराएं।
8. इसके बाद चैत्र शुक्ल तृतीया को गौरी-शिव स्नान कराएं।
9. इस दिन शाम को गाजे-बाजे के साथ गौरी-शिव को नदी या तालाब में विसर्जित करें।
10. इसके बाद अपना उपवास खोलें।


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