Guru Gobind Singh Jayanti: गुरु गोविंद सिंह जयंती पर पढ़ें उनके ये प्रेरणादायक विचार
Guru Gobind Singh Jayanti: गुरु गोबिंद सिंह के पिता का नाम गुरु तेग बहादुर और माता का नाम गुजरी था। वे उनके एक मात्र पुत्र थे। गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। इस साल सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह की जयंती 6 जनवरी (सोमवार) को है। सिख समुदाय के लोग गुरु गोबिंद सिंह के जन्मोत्सव को प्रकाश पर्व के रूप में मनाते हैं। गुरु गोबिंद सिंह जी शौर्य और साहस के प्रतीक रहे हैं। गुरु गोविंद सिंह जी जयंती को को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। गुरु गोविंद सिंह जी ने ही गुरु ग्रंथ साहिब को पूर्ण किया था। उनके प्रेरणादायी उपदेशों का पालन कर व्यक्ति जीवन में कभी भी असफल नहीं हो सकता है।
गुरु गोबिंद सिंह के विचार
अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे, तो वर्तमान भी खो देंगे।
जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे, तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी।
मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं।
ईश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें।
इंसान से प्रेम ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।
अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं। अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है।
असहायों पर अपनी तलवार चलाने वाले का खून ईश्वर बहाता है।
बगैर गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिलता।
अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान करें।
छोटे से छोटे काम में भी लापरवाही न बरतें। सभी कार्यों को लगन और मेहनत के साथ करें।
मनुष्य अनंत जीवन का एक भाग है इस जीवन का कोई अंत नहीं है। इसे अपने कर्मों से सुंदर बनाएं।
सत्कर्म कर्म के द्वारा सच्चा गुरु प्राप्त होता है और गुरु के मार्गदर्शन से भगवान मिलते हैं।
किसी भी व्यक्ति की चुगली और निंदा करने से बचें और किसी से ईर्ष्या करने के बजाय अपने कर्म पर ध्यान दें।
एक सुंदर जीवन के लिए आहार और व्यायाम ही काफी नहीं है, बल्कि गरीब और बेसहारा लोगों की सेवा भी जरूरी है।