मां संतोषी को करना चाहते हैं प्रसन्न, तो पूजा के दौरान ध्यान रखें ये नियम और पूजन विधि
संतोषी माता को दुर्गा का स्वरूप माना जाता है। उन्हें आनंद और संतुष्टि की देवी माना जाता है। वह देवी दुर्गा का एक दयालु, शुद्ध और कोमल रूप हैं। महिलाएं उत्साह के साथ देवी की पूजा करती हैं, और उनमें से कई उनके सम्मान में व्रत रखती हैं। महिलाएं उनके सम्मान में लगातार 16 शुक्रवार तक इस अनुष्ठान का पालन करती हैं। कथित तौर पर संतोषी मां पूजा के बहुत सारे लाभ हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई महिला लगातार 16 शुक्रवार तक संतोषी मां की पूजा करती है, तो उसके घर में हमेशा शांति, सुख और सद्भाव बना रहता है, और देवी परिवार की अच्छी देखभाल करती है और उन सभी को सुरक्षित रखती है। आइए जानते हैं संतोषी माता का पूजन किसी विधि से करना चाहिए।
ऐसे करें माता संतोषी का पूजन
पूजा शुरू करने से पहले स्नान करें और सफेद रंग के वस्त्र पहनें।
मन ही मन गणेश जी की पूजा करें।
पूजा घर की उत्तर दिशा में करनी चाहिए। आपको भी उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।
पूजा क्षेत्र में सफेद रंग का कपड़ा रखें और उस पर संतोषी मां की मूर्ति या फोटो रखें।
अब सूस वस्त्र पर पानी से भरा कलश रखें। कलश में . गुड़, सिक्का और चना डालक्रर उसे ढक दें ।
गाय के घी से दीपक जलाएं।
इसके बाद अक्षत,सफेद और लाल रंग के फूल और नारियल चढ़ाएं।
इसके बाद माता संतोषी को लाल धागा अर्पित करें।
और उन्हें लाल रंग या सिंदूर अर्पित करें।
चावल से बनी खीर या मिठाई का भोग लगाएं।
पूजा के बाद इसे परिवार के सदस्यों को बांटें ।
कलश पर रखे चना और गुड़ को गाय को अर्पित करना चाहिए।
अंत में पात्र के जल को पूरे घर में माता का नाम लेते हुये छिड़क दें तथा शेष जल को तुलसी के पौधे में डाल दें।
शुक्रवार के दिन उपवास रखे एवं इस दिन खट्टी चीजों का सेवन न करे और ना ही स्पर्श करें।
करें इस मंत्र का जाप
एक चंदन की माला लें और निम्न मंत्र का 108 बार जाप करें।
ॐ संतोषी प्रौढापस्मृति संहर्त्रे द्रीं नमः शिवाय
पूजा के दिन इन नियमों का रखें ध्यान
पूजा के दिन आपको खट्टी चीजों को छूना या खाना नहीं चाहिए। खट्टे फलों से भी बचना चाहिए।
दही, इमली, आम और टमाटर से पूरी तरह परहेज करना चाहिए।