परिवार में हो जाए किसी की मृत्यु तो इन नियमों की ना करें अनदेखा
धर्म के अनुसार जब किसी के घर में किसी की मौत हो जाती है तो 13 दिन तक गरुड़ पुराण का पाठ रखा जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। धर्म के अनुसार जब किसी के घर में किसी की मौत हो जाती है तो 13 दिन तक गरुड़ पुराण का पाठ रखा जाता है. शास्त्रों के अनुसार कोई आत्मा तत्काल ही दूसरा जन्म धारण कर लेती है। किसी को 3 दिन लगते हैं, किसी को 10 से 13 दिन लगते हैं. हिंदू धर्म के अनुसार, परिवार में किसी की मृत्यु होने बाद उसका अंतिम संस्कार उसके संतान या उसके किसी पारिवारिक सदस्यों के द्वारा करने से उसे सदगति की प्राप्ति होती है. वहीं मृत्यु के और उसके बाद आत्मा की यात्रा के अलावा गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद के कुछ संस्कारों और नियमों के बारे में भी बताया गया है, जिसे हर किसो को अपनाना चाहिए ताकि जो ये दुनिया छोड़कर जा रहा है उसे शांति मिल सके.
1. शव को अग्नि देने से पहले मृतक का बेटा या करीबी छेद किए हुए मटके में पानी भरकर शव की परिक्रमा करता है. इसके बाद आखिर में यह मटका जरूर फोड़ना चाहिए. ऐसा मृतक के साथ अपना मोह खत्म करने के लिए किया जाता है. ताकि आत्मा अपने परिवार से मोह खत्म करके अपना अगला सफर शुरू कर सके
2. किसी भी परिजन की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार करने से पहले उसे स्नान कराएं. साथ ही साफ कपड़े पहनाकर उसके शरीर पर चंदन, घी और तिल के तेल का लेप करें.
3. सूर्यास्त के बाद कभी भी किसी शव क जलाना या दफनाना नहीं चाहिए और अगर ऐसी स्थिती उत्पन्न होती है तो आप शव को घर में रखें और उससे दूरी बनाकर रखें और अगले दिन ही दाह संस्कार कि विधि शुरू करें. माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद शांति नहीं मिल जाती है.
4. याद रखें कि अंतिम संस्कार करने के बाद परिजन मुड़कर पीछे न देखें, ताकि आत्मा को भी लगे कि उसके परिजनों का भी उससे मोह खत्म हो चुका है.