पीरियड्स में वट सावित्री पूजा कैसे करें

Update: 2023-05-16 17:34 GMT
सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2023) का विशेष महत्व माना गया है. यह व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है. आपको बता दें कि ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वट सावित्री का व्रत (Vat Savitri Vrat 2023) धारण किया जाता है. आपको बता दें कि आगामी 19 मई को जेठ अमावस्या के दिन बट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2023) पड़ रहा है. कई बार महिलाओं को इस दौरान मासिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, ऐसे में सबके अंदर ये सवाल होता है कि आखिर पीरियड के दौरान पूजा कैसे करनी चाहिए.
पीरियड्स में पूजा क्यों नहीं करनी चाहिए?
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पूजा-पाठ करने की मनाही होती है. ऐसा माना जाता है कि उस समय महिलाओं के शरीर में ऊर्जा का संचार अधिक होता है. कहा जाता है कि इस ऊर्जा को भगवान भी नहीं सहन कर सकते हैं. उदाहरण के लिए जब कोई महिला पीरियड्स के दौरान लगातार तुलसी में जल डालती हैं, तो तुलसी का पौधा सूख जाता है. उसी तरह भगवान भी इस ऊर्जा को सहन नहीं कर पाते हैं. इसलिए पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पूजा-पाठ की मनाही होती है.
पीरियड्स में वट सावित्री पूजा कैसे करें?
1- अगर व्रत या पूजा-पाठ के दौरान पीरियड्स आ जाएं, तो ऐसे में महिलाओं को अपना व्रत पूरा करना चाहिए.
2- व्रत के दौरान पीरियड्स आने पर मानसिक रूप से भगवान की आस्था करनी चाहिए.
3- पूजा-पाठ के दौरान दूर बैठकर किसी अन्य व्यक्ति से पूजा करवाई जा सकती हैं.
4- इस दौरान पूजा-पाठ के सामान को भी नहीं छूना चाहिए.
5- पीरियड्स के दौरान आपको मन में मंत्रों का जाप करना चाहिए.
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