कैसे लोग होते है खतरनाक, कौन पहुंचाते हैं आपको दुख ? जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य की बातें सुनने में बेशक कठोर लगती हैं, लेकिन वो वास्तविकता की कसौटी पर आज के समय में भी खरी उतरती हैं.

Update: 2021-10-30 01:36 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य की बातें सुनने में बेशक कठोर लगती हैं, लेकिन वो वास्तविकता की कसौटी पर आज के समय में भी खरी उतरती हैं. आचार्य की कही हर एक बात में जीवन का गूढ़ रहस्य छिपा है. हम में से ज्यादातर लोग उनकी बातों को पढ़कर उदाहरण की तरह प्रस्तुत तो करते हैं, लेकिन कभी उनकी गहराई को समझने का प्रयास नहीं करते.

आचार्य के ग्रंथ नीति शास्त्र में उन्होंने धर्म, समाज, राजनीति, धन आदि तमाम विषयों के बारे में काफी कुछ कहा है, जो हर व्यक्ति को सही और गलत का भेद बताता है. आचार्य की बातों को यदि समझ लें तो जीवन की तमाम मुश्किलों को आसानी से हल किया जा सकता है. यहां जानिए आचार्य चाणक्य द्वारा कही वो बातें जिनसे आप धोखा खाने और दुखी होने से बच सकते हैं.
'उनसे मत डरिए जो बहस करते हैं बल्कि उनके डरिए जो छल करते हैं' आचार्य चाणक्य
इस पंक्ति में आचार्य ने दो तरह के लोगों की बात की है. ऐसे लोग आपके सामने भी आए होंगे जो बात बात में बहस करने लगते हैं. उनकी बहस से आप भी इरिटेट हुए होंगे. लेकिन आचार्य की नजर में ऐसे लोग खतरनाक नहीं होते. खतरनाक वो होते हैं जो आपके मुंह पर तो मीठा बोलते हैं और पीठ पीछे आपकी बुराई करते हैं. ऐसे लोग आपके साथ छल करते हैं. बहस करने वाले अपने दिल की बात आपके सामने रख देते हैं, लेकिन छल करने वाले हमेशा कभी अपनी मंशा जाहिर नहीं करते. वे आपके सामने वो बात कहते हैं, जो आप सुनना चा​हते हैं. ऐसे लोगों से सावधान रहें.
'किसी की उतनी कदर करें जितनी कि वो आपकी करता है बेहिसाब कदर आपका सुकून तबाह कर देगी' आचार्य चाणक्य
कई बार आपको जीवन में ऐसे लोग मिलते हैं, जिनसे आप बहुत प्रभावित होते हैं और उन्हें हद से ज्यादा अहमियत देने लगते हैं. लेकिन अगर आप किसी को ज्यादा अहमियत देते हैं, इसका मतलब ये नहीं कि वो व्यक्ति भी आपको उतना ही मानें. जब व्य​क्ति को ये फर्क महसूस होता है तो उसे बहुत दुख पहुंचता है. वक्त के साथ ये तकलीफ और बढ़ जाती है. इसलिए किसी व्यक्ति को उतनी ही वैल्यू दें, जितनी वो आपको देता है. तभी आपका जीवन सुकून से बीत सकता है.


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