कैसा रहने वाला है इस साल का नवंबर, जानिए देश दुनिया में कहां क्या होगा बदलाव...

ज्योतिष की दृष्टि से वर्ष 2020 काफी महत्वपूर्ण रहा है। नवंबर का महीना ज्योतिष और ग्रहों की दृष्टि से बहुत ही खास रहने वाला है।

Update: 2020-11-03 07:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| ज्योतिष की दृष्टि से वर्ष 2020 काफी महत्वपूर्ण रहा है। नवंबर का महीना ज्योतिष और ग्रहों की दृष्टि से बहुत ही खास रहने वाला है। इस महीने में बुध, गुरु, शुक्र और सूर्य अपनी राशि परिवर्तन करेंगे। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इसके साथ ही शनि अपनी मकर राशि में, राहु वृषभ राशि में और केतु वृश्चिक राशि में गोचर करते हुए सभी राशियों को प्रभावित करेंगे। मंगल ग्रह मीन राशि में बना रहेगा और चंद्रमा हर सवा 2 दिन के बाद अपनी चाल बदलते रहते हैं।

16 नवंबर 2020 को सूर्य का गोचर वृश्चिक राशि में होगा। वहीं 17 नवंबर को शुक्र तुला राशि में प्रवेश करेंगे। 20 नवंबर को देवगुरु बृहस्पति मकर राशि में पहुंचकर नीच के हो जाएंगे। वहीं 28 नवंबर को बुध ग्रह तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे। 28 नवंबर के बाद बुध और सूर्य वृश्चिक राशि में ही मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही 3 नवंबर को बुध और 16 नवंबर को मंगल वक्री से मार्गी होंगे।

होंगे तेजी से बदलाव

ग्रहों के परिवर्तन और मार्गी होने की वजह से लोग तेजी से बदलते हुए दिखाई देंगे। कोई भी व्यक्ति छोटी से छोटी बात पर अपनी रंग बदल सकता है। वादा तोड़ देगा और बात से पलट जाएगा। गुरु के अपनी स्वराशि से नीच राशि मकर में जाने से स्वार्थ, लोभ, लालच, ईर्ष्या, धोखा, छल-कपट ज्यादा बढ़ सकता है। आशंका है कि आई फ्लू, संक्रमण, इंफेक्शन, अस्थमा के रोग पाकिस्तान, अफगानिस्तान, कश्मीर, नेपाल तथा चीन में ज्यादा फैलें।

जानें देश-दुनिया का हाल

पूरे विश्व में सोना, चांदी, जवाहरात, आभूषण, हल्दी, चना, काजू और बादाम के भावों 15 नवंबर से 20 दिसंबर तक उतार-चढ़ाव होगा। अमेरिका, जर्मनी, इटली, स्पेन, रूस, चीन, फ्रांस को आतंकवाद, नक्सलवाद, युद्ध, भाषावाद का सामना करना पड़ सकता है। देवगुरु बृहस्पति चंद्रमा के श्रवण नक्षत्र को छोड़कर मंगल के घनिष्ठा नक्षत्र में जब आएंगे तब विश्व कल्याण के लिए अच्छा परिणाम आ सकता है। संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से भी कोई बड़ी पहल देखने को मिल सकती है। जिससे दो बड़े शत्रु देशों में संधि हो या पर्यावरण से संबंधित कोई निर्णय हो सकता है।

.15 दिसंबर 2020 से 5 मार्च 2021 तक कोई एक बड़ी घटना अंटार्टिका या जन शून्य स्थानों से आबादी के क्षेत्रों की तरफ आएगी। यह घटना किसी परीक्षण में लापरवाही, परमाणु संयंत्र में लापरवाही, परमाणु हथियारों के प्रयोग में लापरवाही, जहरीले पदार्थ और गैस से संबंधित हो सकती है। भारत को इससे कोई खतरा नहीं है।

चीन, तिब्बत, नेपाल, इंडोनेशिया, मलेशिया, मालदीप, फिलीपींस, थाईलैंड, सभी अरब देश, गुजरात, राजस्थान सीमा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक सीमा पर प्राकृतिक आपदा, भूकंप, बरसात, तूफान की आशंका है। भारत पर कोई खतरा नहीं है, जो भी प्राकृतिक आपदा होगी, वह जन शून्य स्थानों पर होगी और बॉर्डर पर होगी।

हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें। ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है।

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