भूल से भी नहीं देखना चाहिए होलिका दहन, भविष्य में होती है परेशानी

Update: 2024-03-15 10:09 GMT
इस साल 24 मार्च को होलिका दहन है। वहीं 25 मार्च को होली का पावन पर्व मनाया जाएगा। होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। हिंदू धर्म में होली की तरह होलिका दहन का भी बहुत ज्यादा महत्व है। होली से कुछ दिन पहले लोग लकड़ी, उपले और झाड़ को एक जगह इकट्ठा करते हैं और होलिका दहन की रात इन चीजों को अग्नि के हवाले कर देते हैं। मान्यता है कि होलिका दहन की अग्नि में आहुति देने से जीवन की नकारात्मकता समाप्त होती है। साथ ही परिवार में सुख समृद्धि भी बनी रहती है। हालांकि होलिका दहन की पूजा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी होता है। साथ ही कहा जाता है होलिका दहन के समय कुछ लोगों को इसकी अग्नि नहीं देखनी चाहिए। आइए जानते हैं किन लोगों को और क्यों होलिका की अग्नि नहीं देखनी चाहिए
नवविवाहित लड़कियां न देखें होलिका दहन
मान्यताओं के अनुसार जिन लड़कियों की नई-नई शादी हुई है उन्हें जलती हुई होलिका नहीं देखनी चाहिए। नवविवाहित स्त्रियों को शादी के बाद पहली होली पर होलिका दहन देखना और इसकी पूजा करना अशुभ माना जाता है।
क्यों नहीं देखनी चाहिए जलती हुई होलिका?
दरअसल ऐसी मान्यता है कि होलिका में आप पुराने साल को जलाते हैं और इसके अगले दिन से नए साल की शुरुआत हो जाती है। होलिका की अग्नि को जलते हुए शरीर का प्रतीक माना जाता है। इसलिए नवविवाहित स्त्रियों को होलिका की जलती हुई अग्नि को देखने से बचना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं रखें इस बात का ध्यान
होलिका दहन की रात होलिका को अग्नि के हवाले करने से पहले इसकी पूजा और परिक्रमा की जाती है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को होलिका की परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है।
नवजात बच्चों को भी रखें दूर
मान्यता है कि जिस जगह पर होलिका दहन किया जाता है, वहां पर नकारात्मक शक्तियों का खतरा बना रहता है। ऐसे में नवजात बच्चे को होलिका दहन वाली जगह पर न ले जाएं। इससे शिशु को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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