इस दिन है हरतालिका तीज व्रत, जानें मुहूर्त और महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस दिन माता पार्वती और शिव जी की मिट्टी से मूर्ति बनाकर पूजा की जाती है।

Update: 2022-06-24 04:03 GMT

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस दिन माता पार्वती और शिव जी की मिट्टी से मूर्ति बनाकर पूजा की जाती है। वहीं कुंवारी कन्याएँ भी उत्तम वर के लिए इस व्रत को रख सकती है। जानिए हरतालिका तीज व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त, सामग्री और महत्व।

हरतालिका तीज 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त

हरतालिका तीज 2022 तिथि- 31 जुलाई 2022, रविवार

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि प्रारंभ- 31 जुलाई सुबह 3 बजे से शुरू

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त- 1 अगस्त सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर समाप्त

माघा नक्षत्र- 30 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से लेकर 31 जुलाई दोपहर 2 बजकर 20 मिनट तक

पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र- 31 जुलाई दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से लेकर 1 अगस्त शाम 4 बजकर 6 मिनट तक।

हरतालिका तीज की प्रदोष पूजा- शाम 6 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक

हरतालिका तीज की सामग्री

मिट्टी का एक कलश

रेत या काली मिट्टी

लकड़ी का पाटा या चौकी

लाल या पीला कपड़ा

नारियल,

सोलह श्रृंगार (चुनरी, सुहाग का सामान, काजल, मेंहदी, चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, बिछिया, महावर, कंघी, शीशा)

बेलपत्र

फूल

केले का पत्ता

शमी पत्र

धतूरा फल

धतूरा पुष्प

तुलसी

मंजरी

कलावा

नए वस्त्र

जनेऊ फल

गाय की घी

सरसों तेल

अबीर

सफेद चंदन

कुमकुम

कपूर

दीपक

पंचामृत

मिठाई

हरतालिका तीज का महत्व

यह त्यौहार मानसून के मौसम में आता है जब आसपास का वातावरण हरे रंग से भरा होता है। इसी कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता है। इसके अलावा इसे सावन तीज, छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली तीज का त्योहार का वही महत्व रखता है जो विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला करवा चौथ है।

हरतालिका तीज के दिन महिलाएं विशेष रूप से हरे रंग के वस्त्र धारण करती है। इसके साथ ही सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती है। हिंदू परंपराओं के अनुसार माना जाता है कि सोलह श्रृंगार करके पूजा करने से एक महिला अपने पति को सभी बुराइयों से बचा सकती है।


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