Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज पर करें ये उपाय, आएगी खुशियों की बहार

Update: 2024-09-03 04:42 GMT
Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज का पर्व हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ता है। 2024 में, हरतालिका तीज 6 सितंबर शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। विशेष रूप से महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना के लिए ये पर्व मनाती हैं। मान्यता है कि इस दिन देवी पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए कठोर व्रत किया था और इसी व्रत के माध्यम से उन्होंने शिव जी को प्रसन्न किया। इस दिन किये गए कुछ विशेष उपाय आपके सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करने का काम करते हैं। हरतालिका तीज के दिन मां गौरी और भगवान शिव को खीर का भोग लगाएं। इसके बाद इस भोग को अपने पति को खिलाएं। ऐसा करने से आपका रिश्ता और भी मजबूत होगा और जीवन में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी। हरतालिका तीज के दिन, दान और पुण्य कार्य करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है। गरीबों, जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र दान करें। यह दान आपके व्रत की पूरीता और पुण्य को बढ़ाता है।
शादीशुदा जीवन में बार-बार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो इस दिन अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर शिवलिंग पर जल में कच्चा दूध चढ़ाएं। दोनों साथ में नहीं चढ़ा सकते तो अपने पति का हाथ लगवाकर महिलाएं इस उपाय को कर सकती हैं। ऐसा करने से बाबा जल्द ही आपकी मनोकामना को पूर्ण करते हैं।
पूजा और व्रत के दौरान भजन और कीर्तन करना भी लाभकारी माना जाता है। भगवान शिव और देवी पार्वती के भजनों का गान करें और एक शांतिपूर्ण वातावरण तैयार करें। यह आपकी भक्ति को बढ़ाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
हरतालिका तीज के दिन, दान और पुण्य कार्य करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है। गरीबों, जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र दान करें। यह दान आपके व्रत की पूरीता और पुण्य को बढ़ाता है।
शादीशुदा जीवन में बार-बार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो इस दिन अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर शिवलिंग पर जल में कच्चा दूध चढ़ाएं। दोनों साथ में नहीं चढ़ा सकते तो अपने पति का हाथ लगवाकर महिलाएं इस उपाय को कर सकती हैं। ऐसा करने से बाबा जल्द ही आपकी मनोकामना को पूर्ण करते हैं।
पूजा और व्रत के दौरान भजन और कीर्तन करना भी लाभकारी माना जाता है। भगवान शिव और देवी पार्वती के भजनों का गान करें और एक शांतिपूर्ण वातावरण तैयार करें। यह आपकी भक्ति को बढ़ाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
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