Hariyali Teej 2024: हरियाली तीज पर आज सोलह शृंगार कर होगी शिव-पार्वती की आराधना
Hariyali Teej 2024: हरियाली तीज प्रकृति से जुड़ने का पर्व हैं। हरियाली तीज का जब पर्व आता है तो हर तरफ हरियाली छा जाती है। पेड़ पौधे उजले- उजले नजर आने लगते हैं। हरियाली तीज का पर्व श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हरियाली तीज या श्रावणी तीज, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को कहते हैं। अखंड सौभाग्य के लिए विवाहिताएं बुधवार को शिव-पार्वती की आराधना करेंगी। सावन मास में मनाया जाने वाले तीज को हरियाली तीज कहते हैं। हरियाली तीज प्रत्येक वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। हरियाली तीन से एक दिन पूर्व मंगलवार को सिंधारा मनाया गया। हाथों में मेहंदी रचाई गई। झूले का सजाकर महिलाएं सखियों संग झूला झूलीं। सुहागिनों को मायके से और सासु मां से शृंगार का सामग्री प्रदान की गई।
।इस दिन हाथों में मेहंदी रचाना शुभ माना गया है। आज हरी चूड़ियां और हरे परिधान वह सोलह शृंगार करके संध्या में मिट्टी से बने शिव-पार्वती की पूजा होगी। माता-पार्वती को शृंगार का सामान, चुनरी, सिंदूर, चूड़ी, बिंदी आदि चढ़ाई जाती है जबकि महादेव को पंचामृत का भोग लगाकर अखंड सौभाग्य व सुखी दांपत्य जीवन की कामना की जाती है। बताया कि हमारे यहां बाना निकालने की भी परंपरा है। हरियाली तीज पर कई स्थानों पर भाई अपने बहन के घर घेवर ले जाने की भी पंरपरा का निर्वहन किया जाता है।
पूजन सामग्री
गंगाजल, पूजा की चौकी, तांबे और पीतल का कलश, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, पान, सुपारी, जनेऊ, कपूर, आक का फूल, कपूर, दूर्वा, जटावाल नारियल, बेलपत्र, अबीर, चंदन, मौली, इत्र, गुलाल, अक्षत, धूप, दीपक, शमी का पत्ता, धतूरे का फल, हल्दी, भांग, धतूरा, भस्म, पांच प्रकार के फल, मिठाई, पांच पल्लव, दक्षिणा, व्रत की पुस्तक पूजन सामग्री होनी चाहिए।