Haridwar Kumbh 2021: पहला शाही स्नान है शिवरात्रि पर, जाने से पहले इन नियमों को जान ले
भारतीय सनातन संस्कृति में कुंभ विश्वास, आस्था, सौहार्द और संस्कृतियों के मिलन
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: भारतीय सनातन संस्कृति में कुंभ विश्वास, आस्था, सौहार्द और संस्कृतियों के मिलन का सबसे बड़ा पर्व है। कुंभ मेला समुद्रमंथन से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि समुद्रमंथन के बाद जब अमृत प्राप्त हुआ तो देवों और दानवों के बीच अमृत पान करने के लिए युद्ध होने लगा, उस दौरान अमृत की कुछ बूंदे छलककर जिन स्थानों पर गिरी उनमें से चार स्थान पृथ्वी लोक पर हैं, इन्ही स्थानों पर कुंभ का आयोजन किया जाता है। इस बार कुंभ हरिद्वार में लगा है। पहला शाही स्नान महाशिवरात्रि को किया जाएगा। हर व्यक्ति चाहता है कि अपने जीवन में एक बार ही सही उसे भी कुंभ में स्नान करने का सौभाग्य अवश्य प्राप्त हो, लेकिन क्या आपको पता है कि कुंभ में स्नान करने के लिए नियमों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है। कहा जाता है कि कुंभ के नियमों में लापरवाही बरतने से जातक को जन्म-जन्मांतर तक इस गलती का फल भुगतना पड़ता है। तो चलिए जानते हैं कुंभ स्नान के नियम..