Ram Katha: राम कथा सुनने का सौभाग्य यहां जानिए जवाब

Update: 2024-06-21 06:48 GMT
Ram Katha:  श्रीरामचरितमानस और रामायण हिंदू धर्म के 2 प्रमुख ग्रंथ है। इन दोनों ही ग्रंथों में भगवान श्री राम Lord Shri Ram in scriptures के सम्पूर्ण जीवन का वर्णन मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि राम कथा सुनने मात्र से व्यक्ति के समस्त पाप कट जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि सर्वप्रथम राम कथा किसने और कैसे सुनी थी। इस पक्षी ने सुनी कथा
देवी-देवताओं के अलावा सर्वप्रथम राम कथा Ram Katha
 
सुनने का सौभाग्य किसी मानव को नहीं बल्कि एक कौए को प्राप्त हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब एक बार भगवान शिव राम कथा माता पार्वती को सुना रहे थे, तो उस समय वहां एक कौवा भी मौजूद था, जिसने वह राम कथा सुनी। 
 उसी कौए का अगला जन्म काकभुशुण्डि Birth of Kakabhushundi के रूप में हुआ और उसे पिछले जन्म में शिव जी के मुख से सुनी हुई संपूर्ण राम कथा कण्ठस्थ थी। काकभुशुण्डि के रूप में उसने यह कथा गिद्धराज गरुड़ को भी सुनाई।
इसी प्रकार राम कथा का प्रचार-प्रसार होता गया। ऐसा कहा जाता है कि वाल्मीकि के रचना करने से पहले ही काकभुशुण्डि ने गरुड़ जी को राम कथा सुना दी थी। बता दें, कि भगवान शिव के मुख से निकली राम कथा को ‘अध्यात्म रामायण’ के नाम से जाना जाता है। कौन थे काकभुशुण्डि
ग्रंथों में वर्णित कथा के अनुसार, लोमश ऋषि के श्राप के कारण काकभुशुण्डि Kakabhushundi, कौवा बन गए। जब ऋषि को अपने दिए हुए श्राप पर पश्चाताप हुआ तब उन्होंने उस कौए को राम मंत्र और इच्छामृत्यु का वरदान भी दिया। राम जी की भक्ति प्राप्त होने के बाद काकभुशुण्डि को अपने कौए के शरीर से प्रेम हो गया और उन्होंने अपना पूरा जीवन एक कौए के रूप में ही राम जी की भक्ति करते हुए बीताया।
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