भाग्य भाव के स्वामी ग्रह को प्रसन्‍न करने से भाग्‍य देता है साथ

भाग्य कैसे मजबूत होगा, यह सवाल अक्सर आपके मन में आता होगा।

Update: 2021-11-23 16:36 GMT

भाग्‍य के स्‍वामी को प्रसन्‍न करने के उपाय : भाग्य कैसे मजबूत होगा, यह सवाल अक्सर आपके मन में आता होगा। इसके लिए बहुत से लोग ज्योतिषीय उपाय और पूजा-पाठ करवाते हैं। लेकिन सही मर्ज नहीं जान पाने के कारण कई लोगों को उपाय करके भी बहुत लाभ नहीं मिल पाता है। ज्योतिषशास्त्र में किसी भी व्यक्ति की कुंडली के 9 वें घर यानी भाव को भाग्य का घर कहा जाता है। जब तक इस घर से संबंधित उपाय न किए जाएं तब तक भाग्य के प्रतिकूल होने पर आपको भाग्य का साथ पूरी तरह से नहीं मिल पाता है। आप भी अपनी कुंडली में देखिए ऊपर नवें घर में जो राशि है उस राशि के स्वामी ग्रह के महज दो उपाय भी आप करना शुरू कर दें तो आपका सोया भाग्य जग जाएगा और आप भाग्य का लाभ पाने लगेंगे।

भाग्य भाव के स्वामी होंगे गुरु हों तो
वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि आपका लग्न मेष या कर्क राशि का हे तो आपके भाग्य भाव के स्वामी होंगे गुरु। ऐसे लोगों की कुंडली में यदि गुरु की स्थिति प्रतिकूल होती है तो कई कोशिशें करने के बाद भी जीवन में अनुकूलता नहीं आती। ऐसे में भगवान विष्णु की आराधना करने और गुरुवार को पीली वस्तुओं का दान करके ऐसे लोगों को भाग्य का साथ मिलने लग जाता है। इसके अलावा गुरुवार को गाय को आलू में हल्‍दी लगाकर खिलाने से भी आपका भाग्‍य साथ देने लगेगा।
भाग्‍य भाव के स्‍वामी शनि हों तो
कुंडली में आपका लग्न यदि वृषभ या मिथुन राशि का है तो आपके भाग्य भाव के स्वामी शनि होंगे। ऐसे लोगों को भाग्य का साथ पाने के लिए शनि स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन करना चाहिए, यदि प्रतिदिन शनि स्तोत्र का पाठ नहीं कर सकते तो कम से कम शनिवार के दिन आपको शनि स्तोत्र का कम से कम 11 बार पाठ करना चाहिए। इसके साथ ही शनिवार के दिन पीपल के पेड़ तले सरसों का दीपक जलाने से भी भाग्य का सहयोग आपको मिलने लगता है। शनिवार को आपको हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। शनिवार को आपको जरूरतमंदों को काले वस्‍त्रों का दान करना चाहिए।
भाग्य भाव के स्वामी मंगल हों तो
आपका लग्न सिंह या मीन राशि का है तो आपके भाग्य भाव के स्वामी मंगल होंगे। ऐसे लोगों को भाग्य को प्रबल करने के लिए मंगल ग्रह से जुड़े उपाय करने चाहिए। आपको मंगलवार के दिन मंगल बीज मंत्र ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का यथासंभव जप करना चाहिए इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी आपको भाग्य का सहयोग मिलने लग जाता है। मंगल को प्रसन्‍न करने के लिए हर मंगलवार को मजदूरों को मिठाई खिलानी चाहिए। इसके साथ ही लाल मसूर की दाल का दान करें। मंगलवार को सुंदर कांड का पाठ करना चाहिए।
भाग्य भाव के स्वामी शुक्र हों तो
यदि आपकी लग्न कन्या या कुंभ राशि का है तो आपके भाग्य भाव के स्वामी शुक्र होंगे। माता सरस्वती की पूजा करने से आपको लाभ मिल सकता है। इसके साथ ही शुक्र के बीज मंत्र ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः का प्रतिदिन जप करने से भी भाग्य का साथ आपको मिल सकता है। आपको हर शुक्रवार को चावल का दान करना चाहिए। मां लक्ष्‍मी की पूजा करनी चाहिए।
भाग्‍य भाव के स्‍वामी बुध हों तो
आपकी लग्न राशि यदि तुला या मकर है तो आपके भाग्य भाव के स्वामी बुध ग्रह होंगे। ऐसे लोगों को भाग्य के सहयोग के लिए तांबे का कड़ा धारण करने से लाभ मिल सकता है। इसके साथ ही प्रतिदिन गाय को हरा चारा खिलाने से भी ऐसे लोगों को लाभ की प्राप्ति होती है। आपको भाग्‍य का साथ प्राप्‍त करने के लिए हर बुधवार को गणेशजी की उपासना करनी चाहिए।
भाग्‍य भाव के स्‍वामी चंद्रमा और सूर्य हों तो
आपका लग्न यदि वृश्चिक और धनु राशि का है तो आपके भाग्य भाव के स्वामी क्रमश: चंद्रमा और सूर्य होंगे। वृश्चिक लग्न वालों को उपाय के तौर पर भगवान शिव की अराधना करनी चाहिए और चंद्र मंत्र ऊँ श्रां: श्रीं: श्रौं: सः चंद्रमसे नमः का यथा संभव जप करना चाहिए। भाग्‍य का साथ पाने के लिए हो सके तो आपको चांदी के गिलास में पानी पीना चाहिए। इसके साथ ही शिवजी की पूजा भी करनी चाहिए। वहीं धनु लग्न वाले लोगों को प्रतिदिन सूर्य देव को जल का अर्घ्य देना चाहिए और गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए। इसके अलावा आपको शुभ फल प्राप्‍त करने के लिए ऊँ खोल्काय नमः' मंत्र का जप करना चाहिए।
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