Garuda Purana : गरुड़ पुराण की ये बातें कठिन समय में मददगार साबित होंगी, जानिए
गरुड़ पुराण में कर्मों के हिसाब से मृत्यु के बाद स्वर्ग, नर्क और पितृ लोक मिलने की बात बताई गई है. इसका उद्देश्य लोगों को धर्म के मार्ग की ओर अग्रसर करना है और इसके आचार कांड में नीतिसार नामक एक अध्याय में सुखी जीवन की कई नीतियों के बारे में बताया गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अपनी आंखों से ये संसार हम रोज देखते हैं, लेकिन मृत्यु के बाद की दुनिया कैसी होती है, ये सिर्फ हमनें कहानियों में सुना है. अगर आपके अंदर भी मृत्यु के बाद के रहस्यों को जानने की उत्सुकता है तो आपको गरुड़ पुराण को जरूर पढ़ना चाहिए. गरुड़ पुराण को सनातन धर्म के 18 महापुराणों में से एक माना जाता है. इसमें भगवान विष्णु और गरुड़ के बीच बातचीत का सविस्तार वर्णन किया गया है.गरुड़ श्रीहरि से जन्म और मृत्यु व मृत्यु के बाद की स्थितियों से जुड़े तमाम प्रश्न करते हैं, जिसका नारायण विस्तार पूर्वक जवाब देते हैं.
गरुड़ पुराण में कर्मों के हिसाब से मृत्यु के बाद स्वर्ग, नर्क और पितृ लोक मिलने की बात बताई गई है. कैसे और कब आत्मा को दोबारा शरीर मिलता है, कैसे कोई आत्मा प्रेत बन जाती है और कैसे आत्मा को मुक्ति मिलती है, इन सभी प्रश्नों के जवाब गरुड़ पुराण में मौजूद हैं. इस महापुराण का उद्देश्य लोगों को धर्म के मार्ग की ओर अग्रसर करना है और इसके आचार कांड में नीतिसार नामक एक अध्याय में सुखी जीवन की कई नीतियों के बारे में बताया गया है. जानिए जीवन को सुखी बनाने वाली उन नीतियों के बारे में.
1. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि संसार में सभी मान सम्मान पाना चाहते है. अगर आपसे बड़ी उम्र या पद का व्यक्ति कुछ कहता है तो आप बर्दाश्त कर सकते हैं, लेकिन अगर आपसे छोटी उम्र या छोटे पद का व्यक्ति कुछ कहे तो बहुत अपमान महसूस होता है. ऐसे समय में हमें थोड़ा धैर्य से काम लेना चाहिए और क्रोध करने से बचना चाहिए क्योंकि क्रोध से परेशानियां और बढ़ सकती हैं.
2. जब हम कोई काम शुरू करते हैं तो पहले से ये निर्धारित नहीं कर सकते कि इस काम में सफलता मिलेगी या नहीं. लेकिन अगर हम बार-बार असफल हो रहे हैं तो हमें समझ लेना चाहिए कि कहीं न कहीं हमारे प्रयासों में कुछ कमी है. ऐसे में असफलता से सीख लेकर और गलतियों को सुधारकर आगे बढ़ना चाहिए.
3. शादी के बाद पति-पत्नी का संबन्ध विश्वास की नींव पर टिका होता है. इसलिए ऐसा कोई काम न करें जिससे एक दूसरे का विश्वास टूटे. क्योंकि भरोसा खत्म होने के बाद वैवाहिक जीवन बर्बाद हो जाता है.
4. जब आपका जीवनसाथी बीमार हो, तो आपको उसकी सेहत को प्राथमिकता पर रखना चाहिए और उसे स्वस्थ करने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए. इससे दोनों के बीच रिश्ता और मजबूत होता है और दोनों के बीच प्रेम बढ़ता है. सुखी वैवाहिक जीवन के लिए पति-पत्नी दोनों का ही स्वस्थ रहना जरूरी है.