Garuda Purana : ये 5 काम जीवन को कष्टमुक्त बनाते हैं, जाने सात पीढ़ियों का हो जाता है कल्याण
गरुड़ पुराण में कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया गया है जो व्यक्ति का जीवन ही नहीं, बल्कि सात पीढ़ियों के जीवन का कल्याण कर देते हैं. यहां जानिए ऐसे 5 कर्मों के बारे में और इन्हें अपने जीवन में उतारिए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैसे तो जीवन में सुख और दुख हमेशा बने ही रहते हैं, लेकिन धर्म शास्त्रों की मानें तो कई बार व्यक्ति के जीवन में आयी परेशानियों की वजह उसके अपने कर्म भी होते हैं. अच्छे कर्म व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने का काम करते हैं और बुरे कर्म दुख और समस्याओं की वजह बनते हैं.
गरुड़ पुराण में भी व्यक्ति को कर्म के अनुसार मिलने वाले फलों का जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि व्यक्ति के कर्मों का प्रभावा उसके जीवन में जीवित रहते हुए, मृत्यु के बाद और दूसरा जन्म मिलने तक बना रहता है. यहां जानिए उन कामों के बारे में जिन्हें करने से व्यक्ति का जीवन कष्ट मुक्त बनता है और उसको मृत्यु के बाद भी सद्गति प्राप्त होती है. साथ ही उनकी सात पीढ़ियों के जीवन में दुख नहीं आता.
रोजाना पांच को भोजन कराना
भोजन बनाते समय रोजाना पहली रोटी गाय को और आखिरी रोटी कुत्ते को खिलानी चाहिए. इसके अलावा पक्षियों को दाना डालें और चीटिंयों को चीनी व आटा खिलाएं. अगर मछलियां हों आसपास तो उन्हें आटे की गोलियां खिलाएं. अगर सभी को नहीं खिला सकते तो कम से कम किसी एक को तो रोजाना भोजन दें.
अन्नदान कराएं
अन्नदान को महादान माना गया है. गरीबों और जरूरतमंदों को अन्नदान करने से व्यक्ति का जीवन ही नहीं, बल्कि उसकी 7 पीढ़ियों का जीवन संवर जाता है. साथ ही परिवार पर लगे तमाम दोषों का नाश होता है.
ध्यान करें
विचारों को शुद्ध करने और परमात्मा से खुद को जोड़ने के लिए नियमित रूप से ध्यान जरूर करें और परिवार में सुख शांति बनाए रखने के लिए ईमानदारी और मेहनत से धन कमाएं. इसी में सबका कल्याण निहित है.
कुलदेवता का पूजन
हर परिवार के कोई न कोई कुलदेवता या देवी जरूर होते हैं. उन्हें कभी न भूलें. कुलदेवता का आशीर्वाद मिलने से परिवार की सात पीढ़ियां फलती फूलती हैं. इसके अलावा अपने पितरों का सम्मान करें. उनका पूजन श्राद्ध वगैरह श्रद्धापूर्वक करें.
भगवान को भोग लगाएं
संसार में आपको जो कुछ भी मिला है, वो उस प्रभु ने ही दिया है. इसका शुक्रिया अदा करने का यही तरीका है कि आप जो भी ग्रहण करें, उसे पहले प्रभु को अर्पित करें. नियमित रूप से घर में बनने वाला भोजन भी बगैर चखे भगवान को अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से परिवार पर मां लक्ष्मी और नारायण की कृपा बनी रहती है और कभी किसी चीज का अभाव नहीं होता.