Garuda Purana : ये 4 परिस्थितियां आपके जीवन में बहुत बड़े दुख का कारण बन सकती हैं, जानें इनसे निपटने के तरीके

गरुड़ पुराण के अधिष्ठाता देव भगवान विष्णु हैं. इस महापुराण में भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुड़ के तमाम सवालों का सविस्तार उत्तर दिया है. इन्हीं प्रश्नों और उत्तरों का वर्णन इस पुराण में है. जानिए ऐसी 4 परिस्थितियां जो जीवन में बड़े दुख की वजह बन सकती हैं.

Update: 2021-08-09 05:41 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 18 महापुराणों में से एक गरुड़ पुराण में सिर्फ मृत्यु और मृत्यु के बाद की स्थितियों का ही वर्णन नहीं है, बल्कि सृष्टि की शुरुआत से लेकर मृत्यु के बाद आत्मा की अलग-अलग स्थितियों और कर्म के हिसाब से मिलने वाले तमाम लोकों का वर्णन भी किया गया है. गरुड़ पुराण में जीवन को बेहतर बनाने के तमाम नियम भी बताए गए हैं.

साथ ही सूर्य पूजा की विधि, दीक्षा विधि, श्राद्ध पूजा, नवव्यूह की पूजा भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, सदाचार और निष्काम कर्म की महिमा का भी इसमें बखान किया गया है. गरुड़ पुराण के अधिष्ठाता देव भगवान विष्णु हैं जिन्होंने अपने वाहन गरुड़ के तमाम सवालों का सविस्तार उत्तर दिया है. गरुड़ और भगवान विष्णु के सवाल और जवाब का ही वर्णन इस पुराण में देखने को मिलता है. यहां जानिए गरुड़ पुराण में बताई गई उन 4 परिस्थितियों के बारे में जो जीवन में बहुत बड़े दुख का कारण बन सकती हैं और इनसे निपटने के तरीके.
1. अगर जीवनसाथी भरोसा तोड़ दे
गरुड़ पुराण के मुताबिक वैवाहिक जीवन की नींव विश्वास को माना गया है. इसलिए पति और पत्नी दोनों को कभी भी एक दूसरे के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर एक बार भरोसा टूट गया तो वो फिर से वापस नहीं लाया जा सकता. यदि आप अपने जीवनसाथी का भरोसा तोड़ेंगे तो आपका पूरा परिवार टूट सकता है और पूरा जीवन बर्बाद हो सकता है. परिवार के बर्बाद होने पर जो दुख आप पर टूटता है, उसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते.
2. जब जीवन साथी बीमार रहने लगे
जीवनसाथी का बीमार रहना जीवन में कई विपरीत परिस्थितियां खड़ी कर सकता है. ऐसे में पूरे घर के हालात बिगड़ जाते हैं. आर्थिक हानि तो होती ही है, साथ ही अपने जीवनसाथी को परेशान देखकर मानसिक रूप से भी सुकून नहीं मिल पाता. ये स्थिति जीवनभर का भी दुख बन सकती है. ऐसे हालात होने पर जीवनसाथी की पूरी निष्ठा से सेवा करनी चाहिए और उसे किसी भी हालत में स्वस्थ करने का प्रयास करना चाहिए. बीमारी के समय देखभाल करने से पति और पत्नी दोनों के बीच प्रेम और अधिक बढ़ता है.
3. छोटे द्वारा अपमानित होना
जीवन में सभी मान-सम्मान चाहते हैं. लेकिन अगर किसी व्यक्ति को अपने से छोटी उम्र के व्यक्ति या छोटे पद के व्यक्ति से अपमानित होना पड़े तो ये व्यक्ति के लिए बहुत बड़ा दुख होता है. ऐसे समय में हर व्यक्ति को वाद विवाद की स्थिति से बचना चाहिए और धैर्यपूर्वक वहां से निकल जाना चाहिए. क्रोध से हालात ज्यादा बदतर हो सकते हैं.
4. बार-बार असफल होना
पूरी जी जान लगाने के बाद भी आप बार बार असफल हो जाएं तो ये स्थिति न सिर्फ दुख देती है, बल्कि अवसाद की ओर भी ले जाती है. ऐसे हालातों से निपटने के लिए आपको एक बार अपने काम करने के तरीके का विश्लेषण करना चाहिए. बार बार असफल होना हमें ये बताता है कि कहीं तो मेहनत में कमी है. हो सकता है कि आप मेहनत तो पूरी शिद्दत से कर रहे हों, लेकिन वो सही दिशा में न की गई हो.


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