Garuda Purana : वैवाहिक जीवन से लेकर धन और संतान से जुड़ी समस्याओं तक जाने कौन सी चीज होती है मददगार

गरुड़ पुराण के आचार कांड में नीतिसार नाम एक अध्याय है, इसमें सुखी और सफल जीवन की नीतियां बताई गई हैं. यहां जानिए जीवन की ऐसी विपरीत परिस्थितियों के बारे में जिनमें सिर्फ एक चीज ही आपके लिए मददगार हो सकती है.

Update: 2021-08-03 05:50 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आमतौर पर गरुड़ पुराण का पाठ किसी की मृत्यु के बाद सुनने का चलन है. ऐसा करके मरने वाले के परिवारीजनों को कर्मों के अनुसार मिलने वाले फलों के बारे बताकर उन्हें धर्म की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया जाता है. लेकिन ये धारणा गलत है कि गरुड़ पुराण में सिर्फ मृत्यु और मृत्यु के बाद की ही बातों का​ जिक्र है. वास्तव में गरुड़ पुराण में नीति, नियम, यज्ञ, जप, तप, सदाचार आदि के बारे में भी बताया गया है. गरुड़ पुराण के आचार कांड में नीतिसार नाम एक अध्याय है, इसमें सुखी और सफल जीवन की नीतियां बताई गई हैं. इनका पालन करके व्यक्ति अपने जीवन को सुखद बना सकता है. गरुड़ पुराण के मुताबिक यहां जानिए जीवन की कुछ ऐसी विपरीत परिस्थितियों के बारे में जिसमें सिर्फ धैर्य ही वो एकमात्र चीज है जो आपको मुसीबत से निकाल सकती है.

1. जीवन को यदि सुखद बनाना है तो पति-पत्नी को एक-दूसरे पर पूरा भरोसा रखना चाहिए. जब ये भरोसा टूट जाता है, तो इसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है. इससे घर में अशांति का माहौल बन जाता है और हालात बेकाबू होने लगते हैं. इसलिए अगर कभी परिवार में ऐसी नौबत आए तो धैर्य को न खोएं. केवल धैर्य ही आपकी परेशानियों को सुलझाने में आपकी मदद करेगा क्योंकि धैर्यपूर्ण व्यक्ति कोई भी निर्णय सोच समझकर ही लेता है, जबकि जल्दबाजी में फैसले अक्सर आवेश में लिए जाते हैं, जो स्थितियों को और भी खराब बना देते हैं.
2. अगर जीवन साथी को कोई गंभीर बीमारी हो जाए, तो भी आपको धैर्यपूर्वक उसकी सेवा करनी चाहिए. व्यक्ति की सेहत का पूरा खयाल रखना चाहिए. इससे उसका स्वास्थ्य भी बेहतर होगा और आपका रिश्ता भी पार्टनर के साथ कहीं ज्यादा मजबूत होगा.
3. यदि किसी व्यक्ति धन का धन शत्रु के पास चला जाए, तो आवेश में निर्णय लेना घातक हो सकता है. ऐसे में धैर्य ही वो हथियार है, जो आपको समस्या से निकलने का सही मार्ग दिखाता है.
4. यदि आपकी संतान आपकी बात नहीं मानती है, तो क्रोध से काम न लें. इससे संतान और ज्यादा निरंकुश हो जाएगी. ऐसे में शांत रहकर धैर्यपूर्वक समस्या का हल निकालना चाहिए और बच्चे को प्रेम से सही-गलत का फर्क समझाना चाहिए.
5. यदि बार-बार प्रयास करने के बाद भी आप सफल नहीं हो पा रहे हैं, तो परेशान मत होइए, वर्ना आपका तनाव बढ़ेगा और तनावपूर्ण स्थिति आपको डिप्रेशन की ओर धकेल देगी. ऐसे में भी व्यक्ति को धैर्य का साथ नहीं छोड़ना चाहिए. व्यक्ति को धैर्यपूर्वक अपनी परिस्थिति का आकलन करना चाहिए और ये देखना चाहिए कि कहां मेहनत में कमी है. अपनी कमी को दूर करके सकारात्मकता से दोबारा प्रयास करेंगे, तो सफलता जरूर मिलेगी.

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