Garuda Purana : स्वर्ग का सुख भोगकर पुनर्जन्म लेने वाले व्यक्ति में 5 विशेष गुण होते हैं, ऐसे करें उनकी पहचान…
धरती पर पुनर्जन्म लेने के बाद व्यक्ति को ये याद नहीं रहता कि जन्म से पहले वो किस लोक में था. लेकिन गरुड़ पुराण में बताया गया है कि स्वर्ग से लौटे व्यक्ति में कुछ विशेष गुण पाए जाते हैं, जिनसे पहचान की जा सकती है कि वो व्यक्ति इस जन्म से पहले स्वर्ग में था.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि किसी भी व्यक्ति के जन्म मरण का सिलसिला तब तक खत्म नहीं होता, जब तक आत्मा को मोक्ष नहीं मिल जाता. मरने के बाद व्यक्ति के कर्मों के हिसाब से आत्मा स्वर्ग, नर्क या पितृलोक में जाती है और कर्मफल को भोगती है. वहां की अवधि समाप्त होने के बाद आत्मा फिर से नया शरीर धारण करके धरती पर जन्म लेती है.
धरती पर पुनर्जन्म लेने के बाद व्यक्ति को ये याद नहीं रहता कि जन्म से पहले वो किस लोक में था. लेकिन गरुड़ पुराण में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति स्वर्ग लोक के सुख भोगकर आया है, तो उसके अंदर जन्म लेने के बाद कुछ विशेष गुण पाए जाते हैं. उन गुणों से आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि उस व्यक्ति की आत्मा इस जन्म से पहले स्वर्ग लोक में थी. यहां जानिए उन विशेष गुणों के बारे में.
1. स्वर्ग से लौटने वाली आत्मा में दूसरों के प्रति दयाभाव होता है. वो हमेशा दूसरों के हित में सोचते हैं और गरीब, असहायों की निस्वार्थ मदद करते हैं. कहा जाता है कि ऐसे कर्म करने वालों के घर पर परमेश्वर हमेशा वास करते हैं क्योंकि भगवान ने भी जब भी धरती पर जन्म लिया है तो जनहित के ही कार्य किए हैं.
2. दान से बड़ा कोई धर्म नहीं है. जो व्यक्ति स्वर्ग से लौटकर धरती पर आता है, उसमें दान करने की भावना निहित होती है. वो किसी लाभ के लिए दान नहीं करता, बल्कि लोगों की मदद के लिए ऐसा करता है. ऐसा व्यक्ति दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है और ये सब करने से उसे मानसिक शांति प्राप्त होती है.
3. स्वर्ग से लौटा व्यक्ति का लोगों के साथ व्यवहार काफी अच्छा होता है. वो सभी का प्रिय होता है और उनके हित के विषय में सोचता है. अपनी वाणी से वो लोगों का मन जीत लेता है और जहां भी जाता है, वहां सम्मान प्राप्त करता है. ऐसा व्यक्ति हमेशा लोगों को प्रोत्साहित करता है और उन्हें धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है.
4. स्वर्ग से धरती पर जन्म लेने वाले व्यक्ति की आत्मा पवित्र होती है. ऐसा व्यक्ति बहुत मिलनसार होता है. अपने कर्मों से वो अपना स्थान स्वयं बनाता है. उसके दांत बहुत सुंदर होते हैं और उसके कर्मों का प्रताप उसके दांतों पर भी नजर आता है.
5. स्वर्ग से आए व्यक्ति पर हमेशा भगवान की कृृपा रहती है. उसकी सेहत अच्छी रहती है और वो बड़े से बड़े संकट से बाहर निकलने का हौसला रखता है. ऐसा व्यक्ति समाज की सेवा करने का हर संभव प्रयास करता है और तमाम पुण्य करके अपना कीर्तिमान स्थापित करता है.