धर्म अध्यात्म: इंदौर के प्राचीन देवगुराडिया मंदिर में नागपंचमी के दिन हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर में भगवान महादेव के दर्शन के लिए पहुंची. बता दें कि सुबह से ही भगवान महादेव के दर्शन के लिए क्या बच्चे, क्या बड़े, क्या बूढे़ हर उम्र के श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंचे.
आज सावन का सोमवार और नागपंचमी दोनों एक साथ होने के कारण मंदिर परिसर में कांवड़ियों की भी भारी तादाद देखने को मिली. बता दें कि आज नागपंचमी का दिन है और इस मंदिर की कहानी भी नागों से जुड़ी है. नागों वाले प्राचीन शिव मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. नागों के दर्शन करने भी यहां लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं.
मंदिर की रखवाली करते हैं नाग
नागपंचमी पर इंदौर के प्रसिद्ध प्राचीन देवगुराड़िया मंदिर में लोग भगवान शिव समेत नागों की आराधना करने आते हैं. माना जाता है कि आज भी यहां नाग मंदिर की रखवाली करते हैं और भगवान शिव की आराधना करने नागपंचमी को आते भी हैं. देवगुराड़िया मंदिर, गरुड़ तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है.
यहां गरुड़जी ने की थी भोलेनाथ की तपस्या
मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां गरुड़ जी ने भगवान शिव की तपस्या की थी और इस स्थान की रक्षा का दायित्व गरुड़ ने नागों को सौंपा था. इस मंदिर के बारे में पहले से भी मान्यता है कि मंदिर में नाग-नागिन का जोड़ा वास करता है, जो साथ में ही कई बार देखे भी गए हैं, इसलिए यहां के लोग सर्पों में भारी आस्था रखते हैं.
मंदिर में नाग-नागिन के जोड़े का वास
मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया कि मंदिर से सर्पों का पुराना नाता है. यहां एक नाग नागिन का जोड़ा भी वास करता है, जिसके बारे में सभी को जानकारी है. यह एक प्राचीन तीर्थ है, जहां भगवान शिव की महिमा सर्वविदित है. भगवान शिव को सर्प और नाग बहुत प्रिय हैं. यही कारण है कि भगवान शिव के दर्शन के लिए नाग और सर्प भी यहां पहुंचते हैं.