Gala Gauri Vrat ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन सावन माह में पड़ने वाला मंगला गौरी व्रत को बहुत ही खास माना गया है जो कि सावन माह के हर मंगलवार के दिन पड़ता है इस दिन शादीशुदा महिलाएं पति की लंबी आयु और सुख सौभाग्य की कामना से उपवास करती है तो वही कुंवारी कन्याएं इस दिन मनचाहे वर की प्राप्ति के दिन व्रत पूजन करती है।
सावन में पड़ने वाले मंगला गौरी व्रत के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की साधना की जाती है ऐसा करने से देवी की कृपा बरसती है और दुखों का नाश हो जाता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा मंगला गौरी व्रत से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
कब से शुरू हो रहा मंगला गौरी व्रत—
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन महीने में हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत किया जाता है। आपको बता दें कि इस साल सावन की शुरुआत 22 जुलाई दिन सोमवार से होने जा रही हैऔर इसका समापन 19 अगस्त को हो जाएगा। ऐसे में पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई दिन मंगलवार को किया जाएगा। इस साल सावन में कुल चार मंगला गौरी व्रत पड़ रहे हैं जहां एक ओर पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई को होगा। तो दूसरा व्रत 30 जुलाई, तीसरा व्रत 6 अगस्त और आखिरी व चौथा मंगला गौरी का व्रत 13 अगस्त को किया जाएगा। इन मंगलवारों के दिन मां गौरी की विधिवत पूजा जरूर करें ऐसा करने से सुख सौभाग्य व धन प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।