पूर्णिमा तिथि रात्रि तक, कर लें ये खास उपाय, चमकेगा भाग्य का सितारा

प्रत्येक वर्ष आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ व्रत कोजागरी पूर्णिमा व्रत किया जाता है। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि इस वर्ष यह व्रत पर्व 9 अक्टूबर 2022 दिन रविवार को बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाएगा।

Update: 2022-10-09 04:56 GMT

प्रत्येक वर्ष आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ व्रत कोजागरी पूर्णिमा व्रत किया जाता है। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि इस वर्ष यह व्रत पर्व 9 अक्टूबर 2022 दिन रविवार को बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाएगा। इस वर्ष पूर्णिमा तिथि सूर्योदय के साथ ही आरंभ होकर रात में 2:24 तक व्याप्त रहेगा। अतः संपूर्ण दिन पूर्णिमा तिथि प्राप्त हो रहा है। इस दिन रात्रि के मध्यान काल में माता लक्ष्मी का विशेष पूजन अर्चन किया जाता है ।

आश्विन मास की पूर्णिमा को कोजागरी व्रत रखा जाता है।इसे कौमुदी व्रत भी कहते हैं। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। मान्यता है कि इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत झड़ता है।

उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि इस दिन ग्रहों का बहुत ही सुंदर संजोग भी बन रहा है । एक तरफ जहां चंद्रमा और बृहस्पति मीन राशि में गजकेसरी योग का निर्माण कर रहे हैं ।

बुध और सूर्य मिल कर बुधादित्य नामक राजयोग का निर्माण कर रहे है तथा बुध और शुक्र मिलकर लक्ष्मी नारायण नामक राजयोग का निर्माण कर रहे हैं तो वही बुध भद्र नामक पंच महापुरुष योग। बृहस्पति हंस नामक पंच महापुरुष योग ।शनिदेव श्राद्ध नामक पंच महापुरुष योग का निर्माण करने जा रहे हैं अतः यह पूर्णिमा तिथि श्रेष्ठ फल प्रदायक होकर व्रत पूजन का संपूर्ण फल प्रदान करने वाला होगा।

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