कार्तिक मास में करें तुलसी पूजन के इन नियमों का पालन

Update: 2022-10-10 14:25 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: livehindustan

आज से कार्तिक का पावन महीना शुरू हो गया है। यह महीना भगवान विष्णु को अति प्रिय है। इसमें भगवान विष्णु की अराधना और तुलसी पूजा करने का विशेष विधान है। ऐसा कहते हैं, इस दिन की गई पूजा से मां लक्ष्मी भगवान विष्‍णु को समर्पित कार्तिक का पवित्र महीना आज से शुरू हो गया है। इस माह श्रीहरि और उनको सबसे प्रिय तुलसी की पूजा करना बहुत शुभ होता है। इससे धन-धान्य में वृद्धि होती है और घर में सुख समृद्धि रहती हैं। इसलिए माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए इस महीने मां तुलसी और विष्णु जी की विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए।

इस महीने सुबह सूर्योदय से पहले उठकर मंदिर में कार्तिक के भजन करने चाहिए। सुबह उठकर तुलसी पूजन और भजन करने का पूरे कार्तिक में पुण्य मिलता है। इसके अलावा तुलसी जी की पूजा करते हैं, तो उनसे जुड़े नियमों का बी पालन करना चाहिए। तुलसी पत्र बिना स्नान किये नहीं तोड़ना चाहिए। इससे पूजन कार्य निष्फल हो जाता है। भोजन के पश्चात् तुलसी के स्वत: टूटकर गिरे पत्तों को खाना शुभ होता है।
वायु पुराण के अनुसार पूर्णिमा, अमावस्या, द्वादशी, रविवार व संक्रान्ति के दिन दोपहर दोनों संध्या कालों के बीच में तथा रात्रि में तुलसी नहीं तोड़ना चाहिए, तेल मालिश किए हुए हैं तो भी तुलसी नहींतोड़नी और खानी चाहिए। जन्म या मृत्यु के अशौच में, अपिवत्र समय में तुलसी पत्र ग्रहण नहीं करना चाहिए। क्योंकि तुलसी श्री हरि के स्वरूप वाली ही हैं। धर्म पुराण के अनुसार तुलसी पत्र को पश्चिम दिशा की ओर मुख करके भी नहीं तोड़ना चाहिए। तुलसीदल कभी दांतों से नहीं चबाना चाहिए।

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