केतु के कष्टों से बचने के लिए अपनाए ये आसान उपाय, आपके जीवन से दूर होगी परेशानिया
पौराणिक मान्यता के अनुसार राहु को सांप का सिर और केतु को पूंछ वाला हिस्सा माना जाता है. कुंडली में केतु के दुष्प्रभाव से व्यक्ति को मानसिक अवसाद, पागलपन, गिरने से भारी चोट लगने का खतरा बना रहता है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार राहु को सांप का सिर और केतु को पूंछ वाला हिस्सा माना जाता है. कुंडली में केतु के दुष्प्रभाव से व्यक्ति को मानसिक अवसाद, पागलपन, गिरने से भारी चोट लगने का खतरा बना रहता है. ज्योतिष के अनुसार कुंडली में केतु के अशुभ होन पर व्यक्ति को तमाम तरह की परेशानियां और रोग आदि झेलना पड़ता है. हालांकि केतु हमेशा कष्ट का कारक नहीं होता है बल्कि यह मोक्ष, धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने वाला भी है. बहरहाल यदि आपकी कुंडली में केतु अशुभ फल देकर आपकी परेशानियों का बड़ा कारण बन रहा है तो आइए उसे दूर करने का सरल और प्रभावी उपाय जानते हैं.
किसी धार्मिक स्थान पर काला सफेद कंबल बकायदा संकल्प लेकर दान करें.
केतु के कष्टों को दूर करने के लिए केतु द्वादश नाम का प्रतिदिन करना चाहिए.
केतु के दोष दूर करने के लिए चांदी की अंगूठी में सांप की आकृति बनवाकर धारण करें.
केतु को प्रसन्न करने हेतु लहसुनिया युक्त केतु यंत्र गले में धारण करें.
केतु के कष्टों से बचने के लिए प्रतिदिन गणपति की पूजा करें और एक साल तक संकट चतुर्थी का व्रत रखें. व्रत के दिन गणेश भगवान के मंत्र या
फिर अथर्वशीर्ष का जप करके यथाशक्ति हवन करें.
केतु के कष्टों को दूर करने और कार्यों में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए शक्ति की साधना करें और किसी मंदिर में जाकर गणपति और देवी दुर्गा को लाल रंग के पुष्प चढ़ाएं.
यदि आप केतु के कष्टों से परेशान हों तो उसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए काले और सफेद तिल जल में प्रवाहित करें.
केतु के कष्टों को दूर करने के लिए कन्याओं को खटाई वाली चीजें जैसे नींबू, इमली या गोल-गप्पे लड़कियों को खिलाएं.
केतु के दोष को दूर करने के लिए काले-सफेद कुत्ते को भोजन का हिस्सा दे या घर में कुत्ता पालें.
यदि आपकी कुंडली में केतु उच्च का हो तो केतु की चीजों का दान भूलकर न करें और यदि आपकी कुंडली में केतु नीच का हो तो केतु की चीजों का दान न लें.
केतु के कष्टों को दूर करने के लिए किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को यथाशक्ति दान धन एवं भोजन दान करें.