Falgun Pradosh Vrat 2025: जानिए फाल्गुन मास के पहले प्रदोष व्रत पर क्या करें और क्या न करें
Falgun Pradosh Vrat 2025: धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. भगवान शिव की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. प्रदोष व्रत रखने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं. यह व्रत दीर्घायु और निरोगी जीवन प्रदान करता है. हिंदू धर्म शास्त्रों में प्रदोष व्रत के दिन कुछ नियमों का पालन करने की बात कही गई है. ऐसे में आइए जानते हैं फाल्गुन मास के प्रदोष व्रत के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म शास्त्रों में प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित है. हर माह की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत के दिन शनिदेव की भी पूजा की जाती है|
कब है फाल्गुन माह का पहला प्रदोष-
वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर शुरू हो जाएगी. वहीं इस त्रयोदशी तिथि का 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर समापन हो जाएगा. ऐसे में फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत 25 फरवरी को रखा जएगा|
प्रदोष व्रत के दिन क्या करें-
प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करना चाहिए.
इसके बाद भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.
पूजा के समय शिवलिंग पर श्वेत चंदन फूल, भांग, बेलपत्र चढ़ाना चाहिए.
पूजा के समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए.
शिव पुराण का पाठ करना चाहिए.
भजन-कीर्तन करना चाहिए.
सात्विक भोजन करना चाहिए.
गरीबों को गर्म कपड़ों और धन का दान करना चाहिए|
प्रदोष व्रत के दिन क्या न करें-
प्रदोष व्रत के दिन भूलकर भी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए.
इस दिन किसी से भी लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए.
इस दिन तामसिक भोजन और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए.
इस दिन मन को शुद्ध रखना चाहिए. किसी के प्रति मन में गलत विचार नहीं लाने चाहिए.
इस दिन व्रतियों को काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए.
इस दिन शिवलिंग पर तुलसी दल, नारियल का जल और कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए|