भारतीय वास्तु शास्त्र जीवन को सुखमय बनाने वाला शास्त्र है। एक आपका घर किसी भी दिशा में बना हो या वास्तु के अनुसार नहीं बना हो, लेकिन यदि आप वास्तु शास्त्र के अनुसार मात्र 5 कार्य ही करेंगे तो सभी तरह का वास्तु दूर होकर घर में सुख और शांति बनी रहेगी। आओ जानते हैं कि वे कौनसे 5 महत्वपूर्ण कार्य हैं।
1. साफ-सफाई और सुगंध : घर की नियमित अच्छे से साफ-सफाई करके चारों और सुगंधित वातावरण निर्मित करने के लिए सुगंध का उपयोग करें। जहां गंदा होता है वहां राहु सक्रिय रहता है और जहां दुर्गंध रहती है वहां पर शुक्र अस्त हो जाता है। खाकर टॉयलेट और बाथरूप को साफ सुथरा रखकर सुगंधित बनाकर रखें।
2. उत्तर और ईशान में रखें हवा और प्रकाश के रास्ते : यदि आपकी दक्षिण में खिड़की है तो मोटा परदा लगाएं और दरवाजा है तो उसके सामने नीम का पेड़ लगा दें। यदि संभव हो तो उत्तर में उजालदान रखें। यदि उत्तर या ईशान में ही खिड़की दरवाजे हैं तो फिर कुछ भी करने की जरूरत नहीं उसे सुंदर बनाकर रखें।
3. घर को बनाएं सुंदर : घर को सुंदर चित्रों, पर्दों, सुंदर वस्तुओं से सजाएं। जैसे गुलदस्ता, पेंटिंग, फूल, पारंपरिक चित्रकारी, मांडना, झुमर, लटकन आदि वस्तुओं से उसे अच्छे से सजाएं।
4. दरवाजा बनाएं मजबूत और सुंदर : घर का मुख्य द्वार की चौखट और दहलीज को मजबूत लकड़ी का मनाएं और उसे सुंदर भी बनाएं। उसपर वंदनवार लगाएं, शुभ, लाभ और ॐ का चिन्ह भी लगाएं। दहलीज को भी पारंपरिक तरीके से बनाकर उसके दोनों ओर स्वास्तिक लगाएं। आसपास सुंदर फूलों वाले गमले लगाएं और दरवाजे की नियमित सफाई करें।
5. नल से पानी का टपकना : घर में नल से पानी टपकता रहता है तो यह अशुभ माना जाता है। आपके किचन, रसोई घर, दीवार व अन्य किसी भी जगह नल टपकना नकारात्मकता को जन्म देकर आर्थिक नुकसान के साथ ही सेहत संबंधी समस्याएं भी पैदा करता है। दीवारों में कहीं से पानी चू रहा है तो इसे भी ठीक कराएं।