सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन एकादशी का व्रत बेहद ही खास माना जाता है जो कि जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा अर्चना को समर्पित होता है। इस दौरान भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान की अपार कृपा प्राप्त होती है। एकादशी का व्रत हर माह में दो बार पड़ता है अभी भाद्रपद मास चल रहा है और इस माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत किया जाता है।
इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है साथ ही ग्रहों की अशुभता भी दूर हो जाती है। इस साल परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 25 सितंबर दिन सोमवार यानी आज किया जा रहा है इसे जलझूलनी एकादशी और डोल ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से सौभाग्य बढ़ता है। इस दिन पूजा पाठ के अलावा अगर कुछ खास कार्य किए जाए तो भगवान की अपार कृपा प्राप्त होती है और सुख संपदा भी बढ़ता है तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
आज परिवर्तिनी एकादशी के दिन घर में एकाक्षी नारियल लाना शुभ माना जाता है ऐसा करने से माता लक्ष्मी आकर्षित होती है और घर में बरकत आती है इस दिन आप एकाक्षी नारियल को लाकर विधिवत पूजा करें और पूजन स्थल पर स्थापित कर दें। एकादशी के पावन दिन पर भगवान विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी को पीले चंदन और केसर में गुलाब जल मिलाकर तिलक करें।
फिर इससे स्वयं भी तिलक लगाएं और अपने काम पर निकलें ऐसा करने से सभी काम पूरे हो जाते हैं। अगर आप संतान सुख की इच्छा रखते हैं तो आज के दिन गोपाल मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः’ का जाप आरंभ करें। इसे रोजाना एक माला जाप करने से शीघ्र संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी हो जाती है।