आषाढ़ के महीने में करें ये काम, जानिए इस महीने के प्रमुख व्रत और पर्व
हिन्दू पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ का महीना शुरु हो चुका है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दू पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ का महीना शुरु हो चुका है. इस महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर देवशयनी पर्व मनाया जाता है. यानी भगवान विष्णु चार महीनों की योगनिद्रा में चले जाते हैं और चातुर्मास की शुरुआत हो जाती है. इन चार महीनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. आषाढ़ माह 13 जुलाई तक रहेगा.
आषाढ़ माह के व्रत और पर्व
कहते हैं आषाढ़ माह में पूजा उपासना से शक्ति से हर कष्ट से मुक्ति मिल सकती है. सच्चे मन और पूर्ण श्रृद्धा से अगर जप तप किया जाए. तो सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हो सकती है. लेकिन आषाढ़ माह में कौन कौन से व्रत और पर्व आते हैं. चलिए अब आपको ये बताते हैं.
आषाढ़ मास के पहले दिन खड़ाऊं, छाता, नमक और आंवले का दान किसी ब्राह्मण को करें
इसी महीने में श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा भी निकाली जाती है
इस महीने में सूर्य और देवी की भी उपासना की जाती है
इस महीने में तंत्र और शक्ति उपासना के लिए "गुप्त नवरात्रि" भी मनाई जाती है
इसी महीने से श्री हरि विष्णु शयन के के लिए चले जाते हैं
अगले चार माह तक शुभ कार्यों की वर्जना रहती है
आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का महान उत्सव भी मनाया जाता है
भगवान शिव और शिव जी की पूजा का महत्व
आषाढ़ मास में भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा को अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है. इस मास में पड़ने वाले एकादशी के व्रत और प्रदोष तथा मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है. इसके साथ ही गुप्त नवरात्रि को विशेष स्थान दिया गया है. आषाढ़ में योगिनी एकादशी का व्रत और देवशयनी एकादशी का व्रत उत्तम बताया गया है.
आषाढ़ मास में क्या करें
आषाढ़ मास में वर्षा ऋतु भी आती है. इस मास में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए इस मास में उबला हुआ पानी पीने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए और दिनचर्या को अनुशासित बनाना चाहिए.