आज रविवार को करे ये आसान उपाय, आप पर होगी धन की बारिश

आज साल 2022 के मार्च महीने का तीसरा और चैत्र महीने का पहला रविवार है। ऐसे तो सभी दिन का अपना-अपना महत्व है लेकिन हिंदू धर्म में रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है।

Update: 2022-03-20 03:32 GMT

 आज साल 2022 के मार्च महीने का तीसरा और चैत्र महीने का पहला रविवार (Sunday) है। ऐसे तो सभी दिन का अपना-अपना महत्व है लेकिन हिंदू धर्म में रविवार का दिन सूर्य देव (Surya Dev) को समर्पित है। अगर आपका भी काम बनते-बनते बिगड़ जाता है तो परेशान होने की कोई बात नहीं है। धर्मशास्त्रों के जानकारों के मुताबिक ऐसा सूर्य (Sun) के कमजोर होने से होता है। ऐसे में आपको अपने सूर्य (Sun) को मजबूत करने की जरूरत है।

ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन सुबह सूर्य देव को अर्घ्य (Arghya) देता है, उसे कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती। अगर आपके लिए हर रोज ऐसा करना संभव न हो तो रविवार की सुबह ये काम जरूर करें। क्योंकि रविवार को सूर्य देव का दिन माना जाता है। तांबे लोटे में चावल, लाल रंग के फूल और लाल मिर्च के कुछ दाने डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।

मान्यता है कि अगर रविवार को सूर्यदेव की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाए तो व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है। साथ ही शत्रुओं से सुरक्षा भी होती है। इसके अलावा रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है।

हर व्यक्ति चाहता है कि उसके जीवन में सुख-सुविधाएं हो। इसी के लिए व्यक्ति दिन-रात मेहनत करता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि चाहें आप कितने भी कर्म करो आपको उसके अनुरुप फल प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में शास्त्रों में कुछ ऐसे उपाय होते हैं जो अगर किए जाएं तो व्यक्ति को जीवन में तरक्की मिलने के योग बनते हैं। साथ ही मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं।

संभव हो तो सूर्य देव को जल अर्पित करते समय इस मंत्र का जरूर का जाप करें

ॐ सूर्याय नम:

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः

ऊँ घृणि: सूर्यादित्योम

ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री

ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:

रविवार को जरूर करें ये काम 

सामर्थ्य के मुताबिक तांबे के बर्तन, लाल कपड़े, गेंहू, गुड़ और लाल चंदन का दान करें।

सूर्य देव को कभी भी बिना स्नान के जल अर्पित न करें।

सूर्य देव को जल अर्पित करने के लिए जल में रोली या लाल चंदन और लाल पुष्प डाल सकते हैं।

सूर्य देव को अर्घ्य देते समय स्टील, चांदी, शीशे और प्लास्टिक बर्तनों का प्रयोग न करें।


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