शनिवार के दिन शनि देव की उपासना को विशेष माना गया है. मान्यता है कि शनिवार के दिन शनि देव की पूजा और उपायों से वे जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों पर जमकर कृपा बरसाते हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनिवार के दिन शनि मंदिर में जातक सरसों के तेल का दीपक जलाने पर जोर दिया गया है. कहते हैं कि इस दिन जितना संभव हो व्यक्ति को गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन शनि देव की आरती और शनि चालीसा पढ़ने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
शनि देव की आरती (Shani dev Aarti In Hindi)
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
शनि चालीसा (Shani Chalisa)
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल ।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल ॥
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज ।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज ॥